दिनांक : 24-Apr-2024 11:46 PM
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Vishesh Lekh

स्वामी आत्मानंद स्कूल : सुलभ होता क्वालिटी एजुकेशन

स्वामी आत्मानंद स्कूल : सुलभ होता क्वालिटी एजुकेशन

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
मुस्कान स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल महासमुन्द में कक्षा नवमीं में पढ़ती हैं, मुस्कान बताती हैं कि फ्री में इंग्लिश मीडियम स्कूल की अच्छी पढ़ाई के कारण अब मम्मी-पापा को फ़ीस की टेंशन नहीं होती। हमें क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है, जो पहले प्राइवेट स्कूल में महंगी फ़ीस के साथ मिलती थी। मुस्कान के पापा ऑटो चलाते हैं, उसने कहती है पहले वाले स्कूल में फ़ीस भरने में बहुत तकलीफ़ होती थी, लेकिन अब सब बहुत अच्छा है, मैं बड़ी होकर सीए बनूंगी और अपना सपना पूरा करूंगी। मुस्कान जैसे विद्यार्थी आज बेहतर माहौल में अच्छी शिक्षा प्राप्त प्राप्त कर रहे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा की नींव मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। प्रोद्यौगिकी, इन्टरनेट के युग और ग्लोबलाइजेशन के दौर में अंग्रेजी शिक्षा आज की सबसे बड़ी जरुरत है। इसी जरुरत को समझते हुए और छत्तीसगढ़ की प्रतिभा को दुनिया के लिए तैयार क...
विशेष लेख : सुशांत सिंह राजपूत की आज तीसरी पुण्यतिथि, फैंस ने ट्विटर पर जमकर किया ट्रेंड “कब मिलेगा इंसाफ?”

विशेष लेख : सुशांत सिंह राजपूत की आज तीसरी पुण्यतिथि, फैंस ने ट्विटर पर जमकर किया ट्रेंड “कब मिलेगा इंसाफ?”

India, Vishesh Lekh
रायपुर। बॉलीवुड चेहते एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आज तीसरी पुण्यतिथि है। 14 जून 2020 को मुंबई के अपने निवास में सुशांत सिंह राजपूत रहस्मय तरीके से मृत पाए थे। जनता के भारी विरोध के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया। आज सीबीआई को मामला सौंपे हुए लगभग 3 वर्ष हो चुके है, फैंस अभी तक मायुस है और जानना चाहते है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने वाकई खुदखुशी की थी या उनकी हत्या करवाई गयी थी। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत ने अपने सिने करियर की शुरआत टीवी सीरियलो से की थी बाद में उन्हें काई पोच है, पीके, केदारनाथ, एम.स धोनी जैसी फिल्मो में अपने अभिनय की दमदार छाप छोड़ी थी। फिल्मो के अलावा उन्होंने महशुर फैशन ब्रांड्स में भी काम किया था। सिने जगत के साथ साथ वे पढाई में भी खूब तेज थे उन्होंने दिल्ली तकनिकी विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री की थी। वे भौतिकी, अंतरिक्ष विज्ञान में खूब रूचि रखते...
लोक कला : खैरागढ़ विश्वविद्यालय की एक और उपलब्धि, पहली बार छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों पर समग्र संवाद सम्पन्न

लोक कला : खैरागढ़ विश्वविद्यालय की एक और उपलब्धि, पहली बार छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों पर समग्र संवाद सम्पन्न

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में लोकसंगीत पर आधारित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई। विश्वविद्यालय के लोकसंगीत विभाग और कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह राष्ट्रीय संगोष्ठी “राष्ट्रीय सांस्कृतिक अस्मिता में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों की भूमिका” पर केन्द्रित थी। मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा के मुख्य अतिथ्य और कुलपति पद्मश्री मोक्षदा (ममता) चंद्राकर की अध्यक्षता में उद्घाटित इस दो दिवसीय संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्तर के विषय-विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे, वहीं लगभग दर्जन भर शोधपत्रों का वाचन हुआ। लोक संगीत विभाग के अधिष्ठाता डाॅ. योगेन्द्र चौबे के संयोजन तथा सहायक प्राध्यापक डाॅ. दीपशिखा पटेल के सह-संयोजन में संपन्न इस वृहद कार्यक्रम में पहले दिन साहित्यकार एवं लोक कला मर्मज्ञ डाॅ. पीसी लाल यादव ने पंडवानी के प्रतिनिधि कलाकार झाडूराम देवांगन, पद्म...
विशेष लेख : मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के युवा किसान कर रहे हैं खेती में नवाचार

विशेष लेख : मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के युवा किसान कर रहे हैं खेती में नवाचार

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गयी जनहितकारी योजनाओं के चलते किसान अब नवाचार कर रहे हैं। धान के बदले दूसरी फसलें लेने के लिए शासन द्वारा शुरू की गयी योजना का लाभ लेकर किसान छत्तीसगढ़ जैसे गर्म प्रदेश में सेव की खेती कर रहे हैं। सेव की खेती ठंडे प्रदेशों में हो सकती है,इस मिथ्या को तोड़ने की कोशिश प्रतापपुर के एक युवा कृषक ने की है। मुकेश गर्ग नाम के कृषक ने सूरजपुर जिले के प्रतापपुर जैसी गर्म जगह में अलग-अलग किस्म के सेव के सौ से ज्यादा पौधे लगाए हैं और कुछ में तो फल भी आने शुरू हो गए हैं।कुछ हप्तों में ये पूरी तरह से तैयार होकर खाने लायक हो जायंगे। कहा जा रहा है कि  छत्तीसगढ़ में कहीं भी सेव की खेती हो सकती है और ये कि...
कृष्ण कुंज : सांस्कृतिक महत्व के वृक्षों ने लेना शुरू किया आकार

कृष्ण कुंज : सांस्कृतिक महत्व के वृक्षों ने लेना शुरू किया आकार

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज का विकास कर रही है।मात्र में एक वर्ष में ही इन कृष्ण कुंजो ने हरे-भरे वृक्षों के रूप में अपना आकार लेना शुरू कर दिया है। योजना के तहत प्रदेश में अब-तक 169 नगरीय निकायों में लगभग 224 एकड़ रकबा में 55 हजार 781 पौधों का रोपण किया गया हैं। यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित कृष्ण कुंज में स्वयं वृक्षारोपण कर कृष्ण कुंज की महत्वाकांक्षी योजना की पूरे प्रदेश में शुरूआत की थी। इसी दिन प्रदेश के नगरीय निकायों में बनाए गए कृष्ण कुंज में जनभागीदारी से वृक्षारोपण किया गया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप कृष्ण कुंज में वृक्षारोपण से जन-जन को जोड़ना और सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के वृक्षों के रोपण करने का कार्य किया जा रहा है। जहां पर प...
विशेष लेख : जर्मनी के हैनबर्ग यूनिवर्सिटी के लिए पूरे विश्व में एकलौता चयनित हुआ ग्राम रिसदा का चिराग

विशेष लेख : जर्मनी के हैनबर्ग यूनिवर्सिटी के लिए पूरे विश्व में एकलौता चयनित हुआ ग्राम रिसदा का चिराग

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
बलौदाबाजार। शि़क्षा वह शेरनी का दूध है जो पीयेगा वही दहाड़ेगा यह कहावत आज सच साबित हुआ है। बलौदाबाजार जिला के एक छोटे से ग्राम रिसदा में गरीब परिवार में जन्में चिराग का, चिराग ने अपने ज्ञान के बदौलत आज जर्मनी के यूनिवर्सिटी हैनबर्ग मे पीएचडी के लिए चयनित हुआ है। माॅं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घनेश्वरी बंजारे एवं पिता राजकुमार बंजारे के तीन पुत्रों में से सबसे बड़े पुत्र चिराग बंजारे का चयन इंस्टीट्यूट जर्मन इलेक्ट्रान सिंक्रोट्राॅन में हुआ है। जो पुरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। बचपन से ही मेघावी कक्षा पांचवी में चिराग ब.बाजार के सरस्वती शिशु मंदीर में 90 प्रतिशत के साथ पुरे जिले में टाप किया। इसके बाद कक्षा दसवी में शहर के शास्वत स्कूल मे मेरिट मे दसवां स्थान प्राप्त किया था तथा 2019 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंतर्गत रामजस काॅलेज से भौतिक शास्त्र प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण किया। चिराग ने 2022 मे...
महासमुंद : विशेष लेख : स्कूली शिक्षा में आ रहा बदलाव, स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा हेतु बत्तख पालन की हुई शुरूआत

महासमुंद : विशेष लेख : स्कूली शिक्षा में आ रहा बदलाव, स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा हेतु बत्तख पालन की हुई शुरूआत

Mahasamund, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ में विगत वर्षों में स्कूली शिक्षा में व्यापक बदलाव आने लगा है। वहीं सरकारी स्कूलों की छबि को और बेहतर तथा इसे असरकारी बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अभिभावकों के इच्छानुसार सरकारी स्कूलों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। इसके साथ ही चालू शिक्षा सत्र से बस्ता विहीन स्कूल का प्रयोग भी शुरू हुआ है। इस दिन बिना स्कूल बैग के स्कूल पहुंचे बच्चों को स्थानीय कारीगरों, मजदूरों, व्यवसायियों के काम दिखाने की व्यवस्था है। विभाग द्वारा बच्चों की उपस्थिति पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सुघ्घर पढ़वईया योजना अंतर्गत महासमुंद जिले के सरायपाली विकासखण्ड के शहरी पांच विद्यालयों प्राथमिक शाला झिलमिला, लक्ष्मीपुर, बोडेसरा, लमकेनी और कसडोल स्कूल का चयन हुआ है। इस योजनांतर्गत चयनित प्राथमिक शाला झिलमिला स्कूल में अभिनव पहल की गई है। इस स्कूल ...
विशेष लेख : एनीमिया से बचाव – फैसला आपके चुस्त-दुरुस्त रहने का

विशेष लेख : एनीमिया से बचाव – फैसला आपके चुस्त-दुरुस्त रहने का

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
शरीर में खून की कमी होना लोगों की आम समस्या बन गई है। यह विशेष रूप से छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का एक स्तर से कम हो जाना चिकित्सीय भाषा में एनीमिया कहलाता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत बच्चे और 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिक हैं। इस प्रकार एनीमिया वर्तमान समय की एक गंभीर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। हीमोग्लोबिन, हीम अर्थात् आयरन और ग्लोब्यूलीन एक प्रोटीन से मिलकर बना होता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं का एक अत्यंत आवश्यक घटक है। शरीर में हीमोग्लोबिन की आवश्यकता ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए होती है। यदि रक्त में हीमोग्लोबिन बहुत कम हो या लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य हों, तो शरीर के ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है। इससे भूख नहीं लगना, थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस की तकल...
व्यंग्य लेख : यत्र गर्दभ पूज्यते, रमन्ते तत्र … अरुण कुमार मिश्रा की कलम से

व्यंग्य लेख : यत्र गर्दभ पूज्यते, रमन्ते तत्र … अरुण कुमार मिश्रा की कलम से

Vishesh Lekh
गधों में भीषण रोष व्याप्त था। हुआ यह कि कुछ तथाकथित स्वयंभू वरिष्ठ गधों ने मिलकर गर्दभाध्यक्ष का चुनाव कर लिया था एवं शेष गधों को कानों-कान खबर नहीं हुई। गधों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जबरदस्त चिल्लपों मचाई हुई थी। कई ने कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था। एक अपेक्षाकृत परिष्कृत गधे ने जिसे भ्रम था कि वो इंसान बनने की प्रक्रिया में है समझाया -"चुनने दो किसी को भी गर्दभाध्यक्ष, क्या फर्क पड़ता है। वैसे भी हमारे समाज के 99 प्रतिशत गधों को तो समाज से कोई लेना देना नहीं है। इन गधों के दम पर आप कोई क्रांति तो छोड़िये, सरपंच अथवा पार्षद तक का चुनाव नहीं जीत सकते। इसके पूर्व दशकों तक जो गर्दभाध्यक्ष हुये हैं, उन्होंने ही समाज के लिये आज तक क्या किया है। वास्तव में कुछ अप्रासंगिक हो चुके लोगों ने यह संगठन बना रखा है, जहां ये घटिया स्तर की राजनीति कर किसी भी तरह से स्वयं को प्रासंगिक बनाये हुये ह...
विशेष लेख : राज्य में अगले वित्तीय वर्ष के कुल बजट का 6.4 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए, 4 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे

विशेष लेख : राज्य में अगले वित्तीय वर्ष के कुल बजट का 6.4 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए, 4 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे

Chhattisgarh, Vishesh Lekh
छत्तीसगढ़ में आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के कुल बजट का 6.4 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खर्च किया जाएगा। अगले वर्ष के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 5497 करोड़ रूपए और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए 2240 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री एवं वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री श्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में प्रदेश में चार नए शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। ये कॉलेज मनेन्द्रगढ़, गीदम, जांजगीर-चांपा और कबीरधाम में खोले जाएंगे। इसके लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। गीदम में मेडिकल कॉलेज खुलने से बस्तर अंचल में तीन शासकीय मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। वहीं मनेन्द्रगढ़ में इसके शुरू होने से सरगुजा क्षेत्र में दो शासकीय मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। प्रदेशवासियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने स्वास्थ्य एवं...