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मुख्यमंत्री की मौजूदगी में 21 नवम्बर को होगा गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण की तकनीकी हस्तांतरण के लिए एमओयू

20/11/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में 21 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में दोपहर 12 बजे गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण की तकनीकी के हस्तांतरण के लिए कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टिट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली, एवं छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग रायपुर के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर होगा। इस मौके पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे सहित अन्य मंत्रीगण एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से प्राकृतिक पेंट (रंग) का निर्माण किए जाने की योजना है। इसका उद्देश्य केमिकल पेंट के स्थान पर लोगों को कम कीमत में प्राकृतिक पेंट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही गौठानों और महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना तथा गांवों में युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराना है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण कराया गया है। गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण करने के साथ ही महिला समूह गोबर से अन्य उत्पाद तैयार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में गोबर से विद्युत उत्पादन की परियोजना की भी शुरूआत हो चुकी है। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर प्राकृतिक पेंट के निर्माण की विस्तृत कार्ययोजना कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई है। प्रथम चरण में राज्य के 75 गौठानों का भी चयन प्राकृतिक पेंट के निर्माण की इकाई की स्थापना के लिए किया गया है। चयनित गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण सह कार्बोक्सी मिथाईल सेल्यूलोज निर्माण की इकाई की स्थापना की जाएगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण की तकनीक कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टिट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। प्राकृतिक पेंट का मुख्य घटक कार्बोक्सी मिथाईल सेल्यूलोज (सीएमसी) होता है। 100 किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी बनता है। प्राकृतिक पेंट की मात्रा में 30 प्रतिशत भाग सीएमसी का होता है। 500 लीटर प्राकृतिक पेंट बनाने हेतु लगभग 30 किलो सूखा सीएमसी की जरूरत होती है। गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए स्व-सहायता समूहों की महिलाओं, कुशल श्रमिकों एवं युवाओं को कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर द्वारा प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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