दिनांक : 25-Apr-2024 11:34 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

बस्तर गोंचा महापर्व: भगवान जगन्नाथ को लगा 56 भोग, आरती में वर्चुअली जुड़े सीएम बघेल

26/06/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, Dantewada    

गोंचा महापर्व पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन परंपराओं और संस्कृति-सभ्यताओं से बस्तर का इतिहास समझा जा सकता है। जगदलपुर स्थित सिरहासार भवन में आयोजित बस्तर गोंचा महापर्व और भगवान श्री जगन्नाथ की आरती एवं 56 भोग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वर्चुअली शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि बस्तर के हजारों रंगों में से एक रंग गोंचा-महापर्व का भी है। यह गोंचा महापर्व आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तो है ही, यह सांस्कृतिक विकास को जानने-समझने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। गोंचा महापर्व का इतिहास 616 वर्षों से भी पुराना है। ओडिशा का गुडिंचा पर्व बस्तर में आकर गोंचा पर्व हो गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के माध्यम से हम उत्तर से लेकर दक्षिण तक भगवान राम के वनवास से जुड़े स्थलों को चिन्हित करके उन्हें पर्यटन तीर्थों के रूप में विकसित कर रहे हैं। इनमें जगदलपुर और सुकमा जिले का रामाराम भी शामिल है। हाल ही में हमने रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया। इसमें विदेशों की रामलीला मंडलियों ने भी भाग लिया।

बस्तर में जिस अंदाज से गोंचा पर्व मनाया जाता है, वह अंदाज बड़ा ही अनूठा है। भगवान जिस रथ में भ्रमण करते हैं, वह भी बड़ा ही अनूठा है। हमारे देव, हमारी देवगुड़ियां, हमारी मातागुड़ियां केवल आध्यात्मिक महत्व के स्थान नहीं है। ये स्थान हमारे मूल्यों से जुड़े हुए हैं। इसीलिए हमारी सरकार इन स्थानों को सहेजने और संवारने का काम कर रही है।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।