दिनांक : 28-Mar-2024 09:50 PM
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विशेष लेख : बस्तर से सरगुजा तक हर घर जल का लक्ष्य हो रहा पूरा

विशेष लेख : बस्तर से सरगुजा तक हर घर जल का लक्ष्य हो रहा पूरा

Chhattisgarh, Dantewada
बस्तर से लेकर सरगुजा अंचल तक की महिलाओं को अब अपने घरेलू उपयोग के लिए पनघट में जाकर पानी भरने की जरूरत नहीं होगी और न ही झिरिया के पानी पीने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हर घर नल से जल पहुंचाने की गारंटी दी है। इस पर तेजी से काम हो रहा है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में 4 हजार 5 सौ करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। हर घर तक स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी के नेतृत्व में देश भर में जल जीवन मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के अंतर्गत प्रत्येक परिवार के उनकी दैनिक जरूरत के लिए 55 लीटर जल नल से उपलब्ध कराया जाएगा। छत्तीसगढ़ में इस अभियान को तेजी से पूरा किया जा रहा है। राज्य के 49.98 लाख घरों तक नल से जल पहुंच रहा है। इस मिशन के अंतर्गत 75 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंचाने का काम सफलता पूर्वक किया जा रहा है। शेष 25 प्रतिशत...
जगदलपुर : पारम्परिक शिल्पकारों और कारीगरों को स्वयं के कार्य हेतु प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से मिलेगी सहायता, आवेदन आमंत्रित

जगदलपुर : पारम्परिक शिल्पकारों और कारीगरों को स्वयं के कार्य हेतु प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से मिलेगी सहायता, आवेदन आमंत्रित

Chhattisgarh, Jagdalpur
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जगदलपुर द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजनान्तर्गत पारम्परिक शिल्पकारों और कारीगरों से स्वयं के कार्य हेतु 5 प्रतिशत ब्याज दर पर सहायता प्रदान करने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया है। जिसके तहत कारपेंटर, कुम्हार, मूर्तिकार,राजमिस्त्री, दर्जी, नाई, लोहार, सुनार, धोबी सहित नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, ताला बनाने वाले,हथौड़ा एवं टूलकिट निर्माता, डलिया-चटाई एवं झाड़ू बनाने वाले, पारम्परिक गुड़िया एवं खिलौने बनाने वाले और मछली जाल बनाने वाले पारम्परिक शिल्पकारों एवं कारीगरों को उक्त योजनान्तर्गत पहले चरण में एक लाख रुपये तक और दूसरे चरण में 02 लाख रुपये तक की सहायता 5 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंकों के माध्यम से प्रदान की जायेगी। साथ ही योजना के तहत पारम्परिक शिल्पकारों एवं कारीगरों को कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट प्रोत्साहन तथा डिजिटल लेनदेन के ...
छत्तीसगढ़ परब को दिया जा रहा बढ़ावा: आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने देवगुड़ी की राशि एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक

छत्तीसगढ़ परब को दिया जा रहा बढ़ावा: आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने देवगुड़ी की राशि एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक

Chhattisgarh, Dantewada
आदिवासी संस्कृति की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। उनकी बोली भाषा, संस्कृति, परम्परा से, रीति रिवाजों से जाना जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त 2022 से शासकीय अवकाश का लाभ देकर उनकी बरसों की मांग पूरी कर दी है। ताकि अपने रीति रिवाजों और त्योहार को हर्षाेल्लास के साथ मना सकें छत्तीसगढ़ शासन उनके विकास के लिए अनेकों काम कर रही है। आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी सांस्कृतिक का परिक्षण एवं विकास योजनान्तर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के पूजा एवं श्रद्धा स्थलों पर देवगुड़ी के निर्माण मरम्मत योजना संचालित है। विगत साढ़े चार वर्षों में देवगुड़ी ठाकुरदेव एवं सांस्कृतिक केंद्र घोटुल निर्माण, मरम्मत योजना अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की गई है। प्रति देवगुड़ी की राशि 1 लाख  रूपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति देवगुड़ी कर...
बस्तर गोंचा महापर्व: भगवान जगन्नाथ को लगा 56 भोग, आरती में वर्चुअली जुड़े सीएम बघेल

बस्तर गोंचा महापर्व: भगवान जगन्नाथ को लगा 56 भोग, आरती में वर्चुअली जुड़े सीएम बघेल

Chhattisgarh, Dantewada
गोंचा महापर्व पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन परंपराओं और संस्कृति-सभ्यताओं से बस्तर का इतिहास समझा जा सकता है। जगदलपुर स्थित सिरहासार भवन में आयोजित बस्तर गोंचा महापर्व और भगवान श्री जगन्नाथ की आरती एवं 56 भोग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बस्तर के हजारों रंगों में से एक रंग गोंचा-महापर्व का भी है। यह गोंचा महापर्व आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तो है ही, यह सांस्कृतिक विकास को जानने-समझने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। गोंचा महापर्व का इतिहास 616 वर्षों से भी पुराना है। ओडिशा का गुडिंचा पर्व बस्तर में आकर गोंचा पर्व हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के माध्यम से हम उत्तर से लेकर दक्षिण तक भगवान राम के वनवास से जुड़े स्थलों को चिन्हित करके उन्हें पर्यटन तीर्थों के रूप म...
देखो बस्तर सीजन 2 का हुआ सफलतापूर्वक आयोजन

देखो बस्तर सीजन 2 का हुआ सफलतापूर्वक आयोजन

Chhattisgarh, Dantewada
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा  देखो बस्तर सीजन 2 बस्तर ऑन बाइक का आयोजन 18-20 जून 2023 तक किया गया। यह आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड, जिला प्रशासन बस्तर एवं स्थानीय सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से किया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ एवं सीमावर्ती राज्यों से 60 राइडर्स ने भाग लेकर बस्तर पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु मोटर सर्किट पूरा किया। समापन कार्यक्रम में बस्तर सांसद श्री दीपक बैज ने बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता एवं सांस्कृतिक विरासत को बताते हुए राइडर्स को बस्तर को विश्व पटल तक पहुंचाने हेतु आग्रह किया। इस अवसर पर सीसीएफ श्री मोहम्मद शाहिद, कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक श्री धमशील गणवीर सहित अन्य अधिकारी व बाईक राईडर उपस्थित थे। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि बस्तर ऑन बाइक का मुख्य उद्देश्य राइडर्स के माध्यम से बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता एवं पहुंच मार्ग, ...
6वीं राष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता: बस्तर की बेटियों ने रचा इतिहास, जोरों शोरों से हुआ स्वागत

6वीं राष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता: बस्तर की बेटियों ने रचा इतिहास, जोरों शोरों से हुआ स्वागत

Chhattisgarh, Dantewada
6वीं राष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता, लखनऊ उत्तर प्रदेश में दिनांक 17 से 21 मई 2023 तक आयोजित हुई। जिसमें बस्तर जिला और बस्तर मार्शल आर्ट्स अकादमी की बेटियों ने 5 स्वर्ण और एक कांस्य पदक प्राप्त किया जिसमे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पलक नाग ने फिर से सीनियर वेल्टर वेट में  स्वर्ण पदक प्राप्त किया, वही माही डोंगरे ने यूथ सी 57 किग्रा स्वर्ण पदक, येजीन श्रेया सुना ने यूथ सी 44किग्रा स्वर्ण पदक, तनुप्रिया दत्ता ने यूथ बी 44 कि.ग्रा. स्वर्ण पदक, सेमीकॉन्टेक्ट में श्रिया शर्मा ने बॉटम वेट में स्वर्ण पदक और माही मेश्राम ने यूथ ए 52 किग्रा. में कांस्य पदक प्राप्त किया। इन सभी खिलाड़ियों के प्रथम आगमन पर शहर में जोरों शोरों से स्वागत किया गया। ये सभी खिलाड़ी बस्तर मार्शल आर्ट अकादमी में प्रैक्टिस करते है ये दूसरा साल है जिसमें मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में बस्तर की बेटियों ने अपना जौहर दिखाया ...
उत्तर बस्तर कांकेर : जिले में 603 सहायक शिक्षकों की होगी भर्ती

उत्तर बस्तर कांकेर : जिले में 603 सहायक शिक्षकों की होगी भर्ती

Chhattisgarh, Dantewada, Kanker
व्यावसायिक परीक्षा मंडल रायपुर द्वारा कांकेर जिले में 603 सहायक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जिसके लिए पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी 23 मई तक ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे। संभावित परीक्षा की तिथि 10 जून 2023 निर्धारित की गई है, शिक्षक भर्ती परीक्षा जिले के आवेदकों के लिए कांकेर में ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। सहायक शिक्षक पद हेतु अनारक्षित मुक्त के लिए 109, महिला 147, अनुसूचित जाति के लिए मुक्त 17 महिलाओं के लिए 07, अनुसूचित जनजाति के लिए मुक्त 238 महिलाओं के लिए 101 और अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त के लिए 59 तथा महिलाओं के लिए 25 पद सहायक शिक्षक की भर्ती की जाएगी, जिसमें से दिव्यांगों के लिए 45 पद आरक्षित किया गया है। शैक्षणिक योग्यता हायर सेकेंडरी में 45 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण, डीएलएड या बीएड उत्तीर्ण और टीईटी या सीटेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। अधिक जानकारी के लिए व्यापम की वेबसाइट पर देखा जा...
दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से जली होलिका, राज परिवार के सदस्य ने निभाई अनूठी रस्में

दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से जली होलिका, राज परिवार के सदस्य ने निभाई अनूठी रस्में

Chhattisgarh, Dantewada
छत्तीसगढ़ के बस्तर में होली को लेकर कई ऐतिहासिक परंपराएं हैं। सबसे पहले आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में ताड़ के पत्तों की होलिका जलाई गई। यहां से जलते अंगार को माड़पाल लाया गया। इसी से बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने होलिका दहन किया। भंजदेव ने करीब 700 साल पुरानी परंपरा के अनुसार दंतेश्वरी मंदिर के सामने एक साथ दो होलिका दहन की अनूठी रस्में निभाई। इसे जोड़ा होली भी कहा जाता है। बस्तर के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में इन परंपराओं का विशेष महत्व है। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन किया गया है। यह रस्म भी सालों से चली आ रही है। लगभग 11 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध फागुन मड़ई के पहले दिन ही पूरे विधि-विधान से ताड़फलंगा की रस्म पूरी की गई थी। दंतेश्वरी सरोवर में ताड़ के पत्तों को पहले धोया गया। फिर पूजा कर इन्हें रखा गया। जिसक...
बदलता दन्तेवाड़ाः नई तस्वीर : प्रधानमंत्री आवास योजना से मिली कच्ची छत को पक्का आशियाना

बदलता दन्तेवाड़ाः नई तस्वीर : प्रधानमंत्री आवास योजना से मिली कच्ची छत को पक्का आशियाना

Chhattisgarh, Dantewada
अपने सपनों को पूरा होते देखना किसी चमत्कार से कम नहीं है। ये कहानी है श्रीमती सुंदरा एक मध्यम वर्गीय कृषक परिवार जो कि जनपद पंचायत गीदम के अंतर्गत ग्राम पंचायत गुमड़ा के पटेलपारा की निवासी है सुंदरा अपने परिवार की जीवन यापन के लिए कृषि एवं मजदूरी पर निर्भर रहती है। कुछ समय पूर्व पति की असमय मृत्यु होने हो जाने से घर एवं एकमात्र पुत्री की संपूर्ण जिम्मेदारी सुंदरा के कंधे पर आ गयी। घर में अन्य पुरुष सदस्य न होने एवं खेती से जीवन यापन सही तरीके से नहीं चलने के कारण सुंदरा के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिससे उसकी अपने स्वर्गीय पति के साथ संजोये स्वयं के पक्के आवास का सपना पूर्ण करना असंभव प्रतीत हो रहा था तथा वह जर्जर कच्चा एवं घास फूस से बने घर में निवास करने में विवश थी। इसी बीच केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के बारे में पता चला योजना तहत 2018-...
स्व सहायता समूह की महिलाएं साग-सब्जी, फल-फूल से तैयार कर रही हैं हर्बल गुलाल

स्व सहायता समूह की महिलाएं साग-सब्जी, फल-फूल से तैयार कर रही हैं हर्बल गुलाल

Chhattisgarh, Jagdalpur
होली त्यौहार को देखते हुए जिले के गौठान की 12 स्व सहायता समूह की लगभग 100 महिलाए हर्बल गुलाल बना रही हैं। महिलाएं पालक से हरा, लाल भाजी से लाल, हल्दी से पीला, चुकन्दर से कथा गुलाल बना रही हैं। स्थानीय साग-सब्जी और फल-फूल का उपयोग कर रही है। जिला प्रशासन समूह की महिलाओं को सीजन अनुसार सामग्री बनाने के लिए निरंतर प्रोत्साहित भी करती है। महिलाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र डुमर बहार के माध्यम से गुलाल बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। वर्तमान में कांसाबेल विकासखण्ड के बटईकेला में पार्वती स्व सहायता समूह, कुनकुरी विकासखण्ड दुर्गा स्व सहायता समूह, दुलदुला विकासखण्ड के ज्योति स्व सहायता समूह, पत्थलगांव विकासखण्ड के जीवन सरना स्व सहायता समूह, जशपुर विकासखण्ड के सिनगी स्व सहायता समूह, बगीचा विकासखण्ड के नटकेला के विकास स्व सहायता समूह और राजा रानी स्व सहायता समूह गुलाल तैयार कर रही हैं। मह...