दिनांक : 27-Apr-2024 12:03 AM
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Tribal Area News and Welfare

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ’एकीकृत किसान पोर्टल’ किया लांच, किसानों के लिए आसान होगी पंजीयन की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ’एकीकृत किसान पोर्टल’ किया लांच, किसानों के लिए आसान होगी पंजीयन की प्रक्रिया

Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक के पहले एकीकृत किसान पोर्टल https://kisan.cg.nic.in लॉन्च किया। कृषि विभाग के सहयोग से एनआईसी द्वारा तैयार एकीकृत किसान पोर्टल पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना तथा कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एक बार ही पंजीयन कराना होगा। मुख्यमंत्री ने एकीकृत किसान पोर्टल को लांच करते हुए किसानों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पोर्टल से किसानों के लिए पंजीयन कराना आसान हो जाएगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें एक बार ही पंजीयन कराना होगा। कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ.एम.गीता ने एकीकृत पोर्टल के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया का इस प...

रायपुर : मुख्यमंत्री की ऋण माफी की घोषणा ने महिलाओं का बढ़ाया हौसला

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा महिला समूहों के ऋण माफ किये जाने की घोषणा से  महिलाओं में खुशी की लहर है । बलौदाबाजार भाटापारा जिले में 43 लाख रूपये से ज्यादा का ऋण माफ किया जायेगा। इससे 146 महिला समूहों से जुड़ी लगभग डेढ़ हजार महिलाओं को फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पिछले दिनों महिलाओं के सम्मान के लिए आयोजित तीज महोत्सव में ऋण माफी की घोषणा की है। उन्होंने इसके साथ ही महिला कोष से दिये जाने  वाले ऋण की अधिकतम सीमा भी 1 लाख रूपये से बढ़ाकर 2 लाख रूपये कर दी है। ऋण माफ की खबर पाकर महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है और महिलाओं ने उन्हें धन्यवाद दिया है। उल्लेखनीय है कि महिलाओं को छोटे-छोटे काम धंधे के लिए मात्र 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह ऋण उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ महिला कोष से स्वीकृत किया जाता है। बलौदाबाजार जिले में 20 हज...
विशेष लेख : श्रमिकों और कामगार परिवारों के लिए राहत भरा पैगाम लाती हैं, मोबाइल मेडिकल यूनिट

विशेष लेख : श्रमिकों और कामगार परिवारों के लिए राहत भरा पैगाम लाती हैं, मोबाइल मेडिकल यूनिट

Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare
एक तरफ जहां श्रमिक और कामगार परिवारों के लिए निजी अस्पतालों में जाकर इलाज कराना आर्थिक बोझ था तो दूसरी ओर अपने काम-काज को छोड़कर सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए जाना भी एक बड़ी समस्या थी। ऐसे में कई बार बीमार रहते हुए भी काम पर जाना उनकी मजबूरी थी। इससे कई बार उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता था। राज्य सरकार ने इन गरीब श्रमिकों और कामगार परिवारों की दिक्कतों को समझते हुए उन्हें घर के पास ही चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया और उनके लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना शुरू की है। श्रमिक और कामगार परिवारों का मानना है कि मोबाइल मेडिकल यूनिट उनके परिवारों के लिए राहत  भरा पैगाम लेकर आती हैं। इस योजना के शुरू होने पर उन्हंे इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ता। कई प्रकार की बीमारियों के लिए टेस्ट के साथ ही दवाईयां भी निःशुल्क मिल जाती हैं। श्रमिक और कामगार लोग इस सुविधा...
पोषण माह-2021 : एनीमिया-कुपोषण के प्रति जागरूकता के लिए राजधानी में विशाल साइकिल रैली 11 सितम्बर को

पोषण माह-2021 : एनीमिया-कुपोषण के प्रति जागरूकता के लिए राजधानी में विशाल साइकिल रैली 11 सितम्बर को

Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare
पोषण माह के अवसर पर छत्तीसगढ़ को कुपोषण-एनीमिया से मुक्त बनाने और लोगों में सुपोषण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित मरीन ड्राइव में 11 सितम्बर को सुबह 07 विशाल साइकिल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली में गढ़बो नवा सुपोषित छत्तीसगढ़ का संदेश लेकर जनप्रतिनिधि और आमजन शामिल होंगे। ‘पोषण मेरी भी जिम्मेदारी‘ के ध्येय वाक्य को लेकर रैली में कई कदम कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की ओर आगे बढ़ेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने कहा है कि कुपोषण देश की एक बड़ी समस्या है, जिसका प्रभाव महिलाओं और बच्चों में अधिक देखा गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित हम सबने छत्तीसगढ़़ को कुपोषण मुक्त बनाने का सपना देखा है। राज्य सरकार ने इसके लिए 2 अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया है। इसके सकारात्मक परिणाम स...
विशेष लेख : गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजोए रखने का मार्ग प्रशस्त हुआ…

विशेष लेख : गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजोए रखने का मार्ग प्रशस्त हुआ…

Tribal Area News and Welfare, Vishesh Lekh
अपनी परंपरा की समृद्ध सांस्कृतिक समझ उज्जवल भविष्य का नींव भी तैयार करती है। परंपरा अपने परिवेश की समझ के आधार पर तैयार की गई है। कृषि प्रधान संस्कृतियों के विकास में गोधन की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है और हमारे पूर्वजों ने इसे समझते हुए गोधन का उपयोग आर्थिक विकास के लिए पूरी तौर पर किया। अन्नदा, वन्नदा, सुखदा की आवधारणा को लेकर चलते हुए उन्होंने प्रकृति को सहेजते हुए जैविक खेती अपनाई, गोबर खाद का प्रयोग किया। पंचगव्य का प्रयोग कीटनाशक की तरह फसलों की रक्षा के लिए किया। कृषि को संरक्षण प्रदान करने के लिए इसकी अभिवृद्धि के लिए इन्होंने संसाधन स्थानीय परिवेश से ही लिए। यही वजह है कि सैकड़ों वर्षाें से अन्न देने वाली छत्तीसगढ़ की धरती कभी वंध्या न हुई। रासयनिक खादों के बढ़ते प्रयोग ने भूमि पर दबाव डाला और इसकी उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे क्षरित होने लगी है। इन सभी बातों को भली-भांती समझते हुए प्र...
बस्तर : शिविरों के जरिये अंदरुनी क्षेत्रों तक पहुंचीं आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं : असर ला रहा है ‘विकास, विश्वास और सुरक्षा’ का मंत्र

बस्तर : शिविरों के जरिये अंदरुनी क्षेत्रों तक पहुंचीं आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं : असर ला रहा है ‘विकास, विश्वास और सुरक्षा’ का मंत्र

Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare
वर्षों से सुविधाओं से वंचित छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में अब शासन की सेवाएं शिविरों के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंच रही हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए सुविधा-शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। सुकमा जिले के संवेदनशील क्षेत्र सिलेगर, मिनापा, सारकेगुड़ा में ऐसे ही शिविर का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों के उत्साह को देखते हुए प्रशासन को शिविर की निर्धारित अवधि में बढ़ोतरी करनी पड़ी। सुकमा जिले के इन संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामीणों को विभिन्न तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ग्राम सारकेगुड़ा में सुविधा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर स्थल तक ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था भी की गई थी। ग्राम मिनपा और सिलगेर के ग्रामीणों ने प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया था, जिनक...
शारीरिक के साथ आर्थिक पोषण भी कर रही हैं पोषण वाटिकाएं : अतिरिक्त मुनाफा से समूह की 150 महिलाएं हो रही लाभान्वित

शारीरिक के साथ आर्थिक पोषण भी कर रही हैं पोषण वाटिकाएं : अतिरिक्त मुनाफा से समूह की 150 महिलाएं हो रही लाभान्वित

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
पौष्टिक सब्जियों के उत्पादन के लिए आंगनबाड़ी से लेकर कई क्षेत्रों में पोषण वाटिका का निर्माण किया जाता रहा है। इसी क्रम में एक अभिनव प्रयास राजनांदगांव के गौठान ग्रामों में किया गया है। जहां 14 पोषण वाटिका का विकास किया गया है। इन पोषण वाटिकाओं से महिला समूह को जोड़कर उन्हें आर्थिक लाभ तो पहुंचाया ही जा रहा है इसके साथ-साथ पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पौष्टिक सब्जियों एवं उद्यानिकी फसलों का उत्पादन भी गौठानों में किया जा रहा है, जिसका प्रत्यक्ष लाभ समूह की 150 महिलाओं को हो रहा है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में राजनांदगांव जिले के 9 विकासखंडों में एक्सटेंशन रिफार्म्स (आत्मा) योजनांतर्गत 14 महिला खाद्य सुरक्षा समूह का गठन कर 14 पोषण वाटिका का निर्माण गौठानों में किया गया है। पोषण वाटिका में मुनगा, हल्दी, अदरक, जिंमीकंद, अरहर, मूंगफली एवं मौसमी बैंगन, भिंडी, करेला, लौकी, गंवारफल्ली ...
मुख्यमंत्री की घोषणा पर त्वरित अमल : कमला नेहरू प्री.मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास ज्योतिपुर आज से खुला

मुख्यमंत्री की घोषणा पर त्वरित अमल : कमला नेहरू प्री.मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास ज्योतिपुर आज से खुला

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 01 सितम्बर को गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के ग्राम तवाडबरा के प्रवास के दौरान एक बैगा आदिवासी स्कूली छात्रा सरस्वती के आग्रह पर जिले में आश्रम-छात्रावासों प्रारंभ करने की घोषणा पर विभाग द्वारा त्वरित अमल किया गया है। सरस्वती बैगा ने गौरेला के ज्योतिपुर स्थित कमला नेहरू प्री.मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास प्रारंभ कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया था। यह छात्रावास आज 02 सितम्बर से प्रारंभ हो गया है। इस छात्रावास की छात्राओं ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को इसके लिए धन्यवाद दिया है। छात्रावास खुलने से सुदूर अंचलों के बच्चों के लिए अपने स्कूल जाकर पढ़ाई करना संभव हो सकेगा। छात्रावास बंद होने से दूर के गांवों के बच्चों के लिए अपने घर से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल जाना संभव नहीं हो पा रहा था। मुख्यमंत्री श्री बघेल के संवदेनशील फैसले से अब बैगा आदिवासी स्क...
राष्ट्रीय पोषण माह 2021 : अबूझमाड़ के सुदूर अंचलों से लेकर शहरों-कस्बों तक पहुंचा पोषण रथ

राष्ट्रीय पोषण माह 2021 : अबूझमाड़ के सुदूर अंचलों से लेकर शहरों-कस्बों तक पहुंचा पोषण रथ

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सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। प्रदेश में कुपोषण एवं एनीमिया में कमी लाने के उद्देश्य से बुधवार को जन-आंदोलन के रूप में अभियान की शुरूआत की गई। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत सिंह भगत ने राजनांदगांव जिले के वन धन केन्द्र पानाबरस मोहला से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं सामुदाय आधारित सुपोषण प्रबंध कार्यक्रम अंतर्गत अतिरिक्त आहार का वर्चुअल शुभारंभ किया। इसके तहत समुदायिक सहयोग से कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं का चिन्हांकन कर उन्हें दवाईयां एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर सुपोषित बनाने के लिए काम किया जाएगा। इसी कड़ी में अभियान के शुभारंभ अवसर पर अबूझमाड़ के सुदूर अंचलों से लेकर प्रदेश के शहरो-कस्बों तक पोषण रथ सही खान-पान का महत्व और कुपोषण से बचाव का संदेश लेकर पहुंचे। गंभीर कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती माताओं को सुपोषण किट का वितरण किय...
रायपुर : राजीव गांधी किसान न्याय योजना बनी किसानों के लिए संजीवनी

रायपुर : राजीव गांधी किसान न्याय योजना बनी किसानों के लिए संजीवनी

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
राजीव गांधी किसान न्याय योजना से  किसानों को खेती किसानी के काम में काफी सुविधा मिली है। इसके साथ ही किसानों को समय पर धन राशि मिलने से वे अन्य जरूरतों  को भी आसानी से पूरा कर पा रहे है। बलौदाबाजार जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिली आदान सहायता राशि से रसेड़ी गांव के किसान श्री पीलसिंह निषाद को खंड वर्षा के हालात में भी संबंल प्रदान किया है। न्याय योजना से किश्तों में मिली राशि से जहां वे अच्छे तरीके से खेती-बाड़ी कर पा रहे हैं, वहीं पत्नी के अचानक बीमार हो जाने पर निजी अस्पताल में बेहतर इलाज भी करा पाये हैं। श्री पीलसिंह ने आदान सहायता राशि के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है। गौरतलब है कि भी श्री पीलसिंह निषाद बलौदाबाजार तहसील के ग्राम रसेड़ी के लघु किसान हैं। लगभग 4 एकड़ की खेती है। पिछले खरीफ मौसम में उन्होंने 56 क्विंटल धान रसेड़ी सोसायटी में समर्थन मूल्य पर बेच...