पौष्टिक सब्जियों के उत्पादन के लिए आंगनबाड़ी से लेकर कई क्षेत्रों में पोषण वाटिका का निर्माण किया जाता रहा है। इसी क्रम में एक अभिनव प्रयास राजनांदगांव के गौठान ग्रामों में किया गया है। जहां 14 पोषण वाटिका का विकास किया गया है। इन पोषण वाटिकाओं से महिला समूह को जोड़कर उन्हें आर्थिक लाभ तो पहुंचाया ही जा रहा है इसके साथ-साथ पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पौष्टिक सब्जियों एवं उद्यानिकी फसलों का उत्पादन भी गौठानों में किया जा रहा है, जिसका प्रत्यक्ष लाभ समूह की 150 महिलाओं को हो रहा है।
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में राजनांदगांव जिले के 9 विकासखंडों में एक्सटेंशन रिफार्म्स (आत्मा) योजनांतर्गत 14 महिला खाद्य सुरक्षा समूह का गठन कर 14 पोषण वाटिका का निर्माण गौठानों में किया गया है। पोषण वाटिका में मुनगा, हल्दी, अदरक, जिंमीकंद, अरहर, मूंगफली एवं मौसमी बैंगन, भिंडी, करेला, लौकी, गंवारफल्ली जैसी मौसमी सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।
पोषण वाटिका के निर्माण हेतु कृषि विभाग द्वारा एक लाख 10 हजार रूपए की सहायता राशि महिला समूहों को क्षमता विकास एवं सीड मनी सहायता राशि के रूप में प्रदाय किया गया है। समूह को विभाग द्वारा उच्चगुणवत्ता के बीज एवं बीजोपचार के साथ-साथ वर्मी कम्पोस्ट भी प्रदाय किया गया है। पोषण वाटिका से न्यूनतम लागत में सीमित क्षेत्र अंतर्गत समूह की महिलाओं को अच्छी आय अर्जित हो रही है। वहीं महिलाओं एवं बच्चों की पोषण संबंधी आवश्कताओं की पूर्ति भी हो रही है।
कृषि विभाग ने कहा है कि इस नवाचार की सफलता को देखते हुए आगामी समय में पोषण वाटिका का विस्तार समस्त गौठान ग्रामों में किया जाएगा। जिससे सभी ग्रामीणजनों को जैविक सब्जियां उपलब्ध हो सके और उनकी आर्थिक उन्नति के साथ-साथ स्वास्थ्य स्तर में भी सुधार हो सके। गौरतलब है कि एक पोषण वाटिका से महिला समूह को 20-25 डिसमिल क्षेत्र से लगभग 30 हजार रूपए तक का लाभ प्राप्त हो रहा है। छुरिया विकासखंड के ग्राम मासूल के पोषण वाटिका में हल्दी, अदरक एवं जीमीकंद के साथ ही मुनगा, बैगन, भिंडी, करेला, लौकी लगाया गया है। वहीं खैरागढ़ विकासखंड के गौठान ग्राम अमलीडीह में विभिन्न प्रकार की सब्जियां लगाई गई हैं। डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम भोथली में अदरक, हल्दी, मिर्ची, मुनगा, बैंगन एवं भिंडी की सब्जी लगाई गई है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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