आज भी प्रासंगिक हैं राजिम का लोमष ऋषि आश्रम
छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले पावन नगरी राजिम में भगवान वास करते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भगवान श्री राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर महादेव है, जिसके आशीर्वाद से हर वर्ष राजिम मेला बिना किसी रूकावट के संपन्न होता है। इसके साथ ही प्रयाग क्षेत्र में स्थित लोमष ऋषि आश्रम है। लोमष ऋषि आश्रम के संदर्भ में कई किवदंतियाँ है।
मान्यता है कि आज भी लोमष ऋषि सबसे पहले भगवान राजीव लोचन भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। इसके कुछ साक्ष्य यहां के पुजारियों को परिलक्षित हुए। कहा जाता है कि भगवान श्री राम वन गमन के दौरान कुछ दिनों तक राजिम स्थित लोमष ऋषि के आश्रम में ठहरे थे और यहीं पर चित्रोत्पला गंगा महानदी की रेत में शिवलिंग बनाकर पूजा-आराधना की थीं। जिन्हें वर्तमान में कुलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
राजिम के कुछ बुजुर्गाे ने यहां तक दावा किया है कि सुबह नदी में कभी भी अचानक लंबे पैरो के निशान द...