मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल माघी पुन्नी मेला के शुभारंभ अवसर पर राजिम में राजीव लोचन मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन कर प्रदेश के खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री सीता बाड़ी की भव्यता देख प्रसन्नता जतायी। महानदी मैया की महाआरती में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने विधि-विधान से आरती कर त्रिवेणी मैया से प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होने वाले सुप्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला का भव्य शुभारंभ आतिशबाजी के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य अतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मस्व, पर्यटन एवं गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की। समारोह में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजिम विधायक श्री अमितेष शुक्ल, अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू, सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव की गरिमामयी उपस्थिति रही। अतिथियों ने भगवान श्री राजीव लोचन की प्रतिमा के समक्ष दीप-प्रज्वलित कर पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राजिम को कमल क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। माघी पुन्नी मेला के स्वरूप को बिगाड़ कर पूर्ववर्ती सरकार ने कुंभ बना दिया, जिनका खूब विरोध हुआ। हमने छत्तीसगढ़ में सत्ता की बागडोर सम्हालने के बाद इसके प्राचीन एवं गरिमामय स्वरूप को यथावत रखने के लिए संशोधन बिल लाया। हमारी सरकार राज्य की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए लगातार नए-नए निर्णय लिए जा रहे हैं। इस बार राज्य में रिकार्ड धान खरीदी हुई है। राज्य में 23 लाख 41 से अधिक किसानों से सरकार ने 107.53 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है। हमरी किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में खेती का रकबा और किसानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। बीते 4 सालों में धान बेचने वालों किसानों की संख्या और उर्पाजित धान की मात्रा लगभग दो गुनी हो गई है। किसानों के साथ-साथ सभी वर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए हमने कई नई योजनाएं शुरू की है। गौठान और गोधन न्याय योजना से ग्रमाीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने तथा ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने का नया अवसर सुलभ हुआ है। गरियाबंद जिले के तीन गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का काम हो रहा है। अब बिजली उत्पादन का भी काम होगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में 10 हजार गौठान बने है। जिससे पशुपालक किसान और गौपालक खुश है। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी होने से पशुपालकों को अतिरिक्त आय होने लगी है। राज्य में डेयरी की संख्या बढ़ी है। लघु वनोपज से हर गरीब के घर में पैसा आया है। शिक्षा के लिए स्कूल भवन एवं अन्य अधोसंरचना के विकास के लिए 1000 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रजध्वज साहू ने पुन्नी मेला की बधाई देते हुए कहा कि नवीन मेला ग्राऊंड का विकास किया जा रहा है। अगले साल यह मेला नए मैदान में लगेगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्री रामचंद्र जी ने अपने वनवास काल के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में 2200 किलोमीटर की पदयात्रा की थी। वानवास काल के पूरे दस साल छत्तीसगढ़ में गुजारे थे। प्रभु श्रीराम के वनवास काल की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ का विकास किया जा रहा है। भगवान श्रीराम वनवास काल के दौरान राजिम से गुजरे थे। यहां राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत 19 करोड़ रूपए की लागत के काम कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन किलोमीटर तक सड़क के लिए 41 करोड़ रूपए का काम नवीन मेला मैदान पर होगा। यह सड़क फोरलेन होगी। बोटिंग से लेकर अन्य कार्य आने वाले समय में होगा। मंच, बोर, लेबलिंग का काम शुरू हुआ है। राजिम, चौबेबांधा नवागांव मार्ग के लिए राशि स्वीकृत हुई है। घाट निर्माण भी शुरू हो गया है। मेला में आवश्यकतानुसार जनता को कोई दिक्कत न हो इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। श्री साहू ने कहा कि माता राजिम की भक्ति एवं भगवान विष्णु के कृपा इस क्षेत्र पर बनी हुई है। पंचकोशी यात्रा जिनमें पटेश्वरनाथ महादेव, चम्पेश्वरनाथ महोदव, ब्रम्केश्वरनाथ महोदव, फणिकेश्वरनाथ महोदव, कोपेश्वरनाथ महादेव तक पैदल यात्रा करने की अनोखी परंपरा इस क्षेत्र में है।
वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि इस क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है। 118 साल पुराना राजपत्र में राजिम मेला का जिक्र है। राजिम एक शहर नहीं बल्कि संस्कृति एवं आस्था का केन्द्र है। कार्यक्रम को राजिम विधायक श्री अमितेश शुक्ल, अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू और सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव ने भी सम्बोधित किया।
छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहलाने वाले राजिम में माघी पुन्नी मेला आज से शुरू हुआ। महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम पर सदियों से यह मेला लगता है, जो माघी पूर्णिमा से शुरू होकर राजिम मेला महाशिवरात्रि तक चलता है। माघ पूर्णिमा के अवसर पर आज राजिम के त्रिवेणी संगम तट पर श्रद्धालुओं ने माघी पुन्नी का पुण्य स्नान किया। स्नान करने हेतु पूरे देश सहित प्रदेश के कोने-कोने से लोग पहुंचे और गंगा घाट में डुबकी लगाकर पुण्य स्नान किया।
उल्लेखनीय है कि राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन 5 फरवरी माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होकर 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक होगा। यहां प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या के तहत छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति देंगे। पहले दिन 5 फरवरी को रंग सरोवर के भूपेंद्र साहू बारुका और स्वर्णा, गरिमा दिवाकर रायपुर की शानदार प्रस्तुति होगी। 6 फरवरी को पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर रायपुर, 7 फरवरी को अल्का परगनिहा रायपुर, 8 फरवरी को पी.सी. लाल यादव गंडई, पद्मश्री ऊषा बारले भिलाई, 9 फरवरी को ननकी ठाकुर, चम्पा निषाद रायपुर, 10 फरवरी को हिम्मत सिन्हा छुरिया, 11 फरवरी को गोरेलाल बर्मन रायपुर, 12 फरवरी को अनुराग शर्मा रायपुर, 13 फरवरी को दुष्यंत हरमुख भिलाई, 14 फरवरी को दिलीप षडंगी रायगढ़, आरु साहू नगरी,15 फरवरी को सुनील सोनी दुर्ग, 16 फरवरी को रिखी क्षत्रीय भिलाई, पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर लाटाबोड़, 17 फरवरी को दीपक चंद्राकर अर्जुन्दा और 18 फरवरी को सुनील तिवारी रायपुर के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
कलेक्टर प्रभात मलिक ने मेला आयोजन संबंधी जानकारी दी। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा जितेन्द्र सोनकर, नवापारा नगर पालिका के अध्यक्ष श्री धनराज मध्यानी, जनपद पंचायत फिंगेश्वर अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा जगन्नाथ साहू, तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र साहू, श्री भावसिंह साहू, श्री विकास तिवारी सहित गरियाबंद व धमतरी जिले के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी श्रद्धालु उपस्थित थे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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