मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल विधानसभाओं के प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात के दौरान जहां ग्रामीणों से सीधा संवाद कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ले रहे है, वहीं दूसरी ओर जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर शासन के मंशानुरूप समयसीमा में योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु निर्देशित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज पत्थलगांव के विश्राम गृह में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिला प्राकृतिक रूप से बहुत अधिक सुंदर है। साथ ही साथ कई चुनौतियां भी है, इसलिए काम करने की गुंजाइश अधिक है और सबको मिलकर काम भी करना है। बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनीमिया को दूर करने के लिये योजनाएं संचालित है, जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिले है। अधिकारी एनीमिया और कुपोषण दूर करने के चलाई जा रही योजनाओं का सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ क्रियान्वयन करें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि लोगों की आय बढ़ाना हमारा प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। कृषि व लघु वनोपज के साथ-साथ जिले में मछली पालन, बकरी पालन, सुकर पालन को आय का प्रमुख जरिया बनाने के प्रयास को बढ़ावा दिया जाये। आवर्ती चराई, राजस्व गौठान, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क में अजीविकामूलक गतिविधियों को और बढ़ाएं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बस्तर की तरह यहां भी जनजातियों के लिए आस्था मूलक कार्यों को बढ़ावा देना है। यहाँ आदिवासी के आस्था केंद्र सरना स्थल को व्यवस्थित व सुंदर बनाने का काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान चलाकर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाये जाएं। यदि पिता का जाति प्रमाण पत्र है, तो बच्चों का तत्काल जाति प्रमाण जारी किया जाए।
मात्रात्मक त्रुटि के दृष्टिगत जिन जातियों को अधिसूचित किया गया है, उसकी सूची कार्यालयों में चस्पा करें। उन्होंने कहा कि लगातार आवेदन देने के बाद भी यदि किसी व्यक्ति का काम न हो, यह स्वीकार्य नहीं है। लोक सेवा गांरटी का पालन हो और समयसीमा में लोगों के काम हो जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन आदिवासी, किसान, मजदूर और शासकीय कर्मचारियों के साथ सभी का ध्यान रख रही है। अधिकारी भी इसी तरह लोगों की समस्याओं को दूर करें।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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