राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा रविवार 12 जून को राज्य के शिक्षकों द्वारा प्राप्त सर्वे के आधार पर वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वार्ता सत्र में राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार, ऑनलाइन आवेदन भरने की प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी, राज्य के पूर्व सम्मानित, अनुभवी शिक्षकों के द्वारा विस्तार से प्रक्रियाओं में होने वाले शंकाओं का समाधान किया गया। वेबीनार में चार हजार से अधिक शिक्षक शामिल हुए। गत वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 20 जून तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन को प्राप्त करके जिला समिति द्वारा शिक्षक का चयन करके राज्य समिति को भेजा जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए सरकारी एवं निजी विद्यालयों के शिक्षक भी राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए आफिसियल वेबसाइट https://nationalawardstoteachers.education.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं।
वेबीनार में विशेषज्ञों द्वारा चयन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने अपनी बात रखी। बस्तर से डॉ. प्रमोद शुक्ला ने फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया एवं उससे संबंधित तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया। बिलासपुर से सीमा श्रीवास्तव ने जिले में अच्छे शिक्षकों की पहचान कर उन्हें फॉर्म भरने में तकनीकी समर्थन हेतु अन्य शिक्षक साथियों से सहयोग करने की अपील की क्योंकि अधिकांश बुजुर्ग शिक्षकों को आनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत हो सकती है। कबीरधाम से श्री आदित्य श्रीवास्तव ने बहुत से शिक्षकों द्वारा अखबारों में बड़े-बड़े समाचार देने एवं अपनी शाला में कुछ न कर पाने की समस्या को दूर करने का अनुरोध किया। फिर शिक्षकों द्वारा ढेर सारे बहुत से महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए जिनके उत्तर विशेषज्ञों ने देते हुए उनकी शंकाओं का समाधान किया।
कुछ ने फॉर्म भरने की प्रक्रिया, आनलाइन आवेदन भरते समय पासवर्ड भूल जाने पर क्या करें, फ़ाइल अपलोड करने हेतु फ़ाइल की साइज कैसे कम की जाए, स्वयं के कार्य को हाईलाईट करने की जगह बच्चों के साथ उनकी उपलब्धि में सुधार हेतु किए गए कार्य को सामने लाना, अपने रिसर्च पेपर को किस प्रकार के पत्र-पत्रिकाओं में पब्लिश करवाने की प्रक्रिया, प्रशिक्षण एवं अन्य किए गए कार्यों के प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर क्या किया जाए, किन-किन कार्यों को नवाचारों की श्रेणी में रखा जा सकता है, बच्चों के प्रवेश एवं ड्राप आउट रोकने हेतु क्या-क्या किया जा सकता है, जैसे बहुत सारे सवाल इस दौरान शिक्षकों द्वारा पूछे गए। विशेषज्ञों के रूप में लोक शिक्षण संचालनालय से श्री प्रवीण श्रीवास्तव, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों में विशेषज्ञ के रूप में कोरिया से सेवानिवृत्त शिक्षक श्री आर.के. पुरी,राजनांदगांव से सेवानिवृत्त शिक्षक श्री विनय शरण सिंह ने सहभागिता की।
इस प्रकार से नियमित आनलाइन कक्षाओं के आयोजन के बाद उससे मिली सीख के आधार पर ब्लेंडेड एप्रोच से फ्लिप क्लासरूप की शुरुआत समग्र शिक्षा की ओर से की गयी। आगे होने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों में इस एप्रोच का उपयोग किया जा सकेगा। यह कार्य्रकम समग्र शिक्षा अकादमिक चैनल में यूट्यूब पर उपलब्ध है जिसे देखकर शिक्षक साथी राष्ट्रपति पुरस्कार हेतु अपना आनलाइन आवेदन भर सकते हैं। पूरे कार्यक्रम का आयोजन समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय की पेडागोजी शाखा द्वारा किया गया।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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