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ग्रामीण औद्योगिक पार्क के माध्यम से गांधी जी का सुराज का सपना छत्तीसगढ़ में हो रहा साकार

06/06/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

कांकेर के पहले ग्रामीण औद्योगिक पार्क, गांधी ग्राम कुलगांव के लोकार्पण के मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा

 इंदिरा वन मितान समूह कुलगांव को वन विभाग ने पार्क की स्थापना के लिए दिया था 50 लाख रुपए का चक्रीय लोन, मुख्यमंत्री संकल्पना और निर्माण से इतना खुश हुए कि लोन माफ करने की घोषणा कर दी

रायपुर, 06 जून 2022

 कांकेर के पहले ग्रामीण औद्योगिक पार्क

रोजगारमूलक गतिविधियों

गांधी जी के सुराज का सपना था आत्मनिर्भर और तेजी से बढ़ती ग्रामीण औद्योगिक ईकाई। कांकेर जिले के पहले ग्रामीण औद्योगिक पार्क, गांधी ग्राम कुलगांव को देखकर महसूस हो रहा है कि हम गांधी जी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सफल हो रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गांधी ग्राम कुलगांव के लोकार्पण के अवसर पर कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को हमने रोजगार ठौर के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये थे ताकि बड़ी ग्रामीण आबादी को विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों से जोड़ा जा सके। यह काम कितना उपयोगी हो सकता है और इससे लोगों के लिए किस बड़े पैमाने पर आर्थिक अवसर पैदा किये जा सकते हैं गांधी ग्राम कुलगांव इसका सुंदर उदाहरण है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का माल्यार्पण करने के बाद केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने ढेंकी से चावल निकाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी सुंदर परंपरा है और इससे धान की गुणवत्ता भी सुरक्षित रहती है। उन्होंने विभिन्न स्वसहायता समूहों द्वारा की जा रही रोजगारमूलक गतिविधियों का निरीक्षण किया। इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 समूह की महिलाएं- गांधी ग्राम ग्रामीण औद्योगिक पार्क
 फ्लोटिंग वाहन को रवाना किया

लोन माफ करने के निर्णय से खुशी से भर गई समूह की महिलाएं- गांधी ग्राम ग्रामीण औद्योगिक पार्क के लिए वन विभाग ने इंदिरा वन मितान समूह कुलगांव को 50 लाख रुपए का लोन चक्रीय निधि से दिया था। जब मुख्यमंत्री ने पार्क देखा और अद्भुत कल्पनाशीलता के साथ हो रहा कार्य देखा तो बड़े खुश हुए और समूह का 50 लाख रुपए का ऋण माफ करने की घोषणा की। घोषणा होते ही समूह की महिलाएं खुशी से भर गईं और उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।

लेयर फार्मिंग
गौठान में केज सिस्टम

लेयर फार्मिंग के माध्यम से अंडों का उत्पादन, उधर मछली आहार निर्माण भी – मुख्यमंत्री ने पार्क के आदर्श गौठान में केज सिस्टम के माध्यम से लेयर फार्मिंग और अंडा उत्पादन का कार्य देखा। शीतला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि हर दिन लेयर फार्मिंग के माध्यम से 150 से 180 अंडे का उत्पादन हो रहा है और इसे आंगनबाड़ी में बेचा जा रहा है। इससे 50 हजार रुपए का लाभ प्राप्त हो चुका है। वहीं पूजा स्वसहायता समूह की महिलाएं मछली आहार का उत्पादन कर रही हैं और इसके माध्यम से 60 हजार रुपए कमा चुकी हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 10 क्विंटल मछली आहार के फ्लोटिंग वाहन को रवाना किया। यहां उन्होंने दोना पत्तल निर्माण ईकाई भी देखी। जय बूढ़ादेव समूह द्वारा हर दिन लगभग दस हजार पत्तल बनाये जा रहे हैं। सरस्वती स्वसहायता समूह दलहन के प्रसंस्करण का कार्य और जय सेवा समूह हल्दी मिर्च का प्रसंस्करण कार्य कर रही हैं। इसी तरह हथकरघा वस्त्र प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं से भी मुख्यमंत्री ने चर्चा की। साथ ही यहां बकरीपालन आदि की गतिविधि भी की जा रही है।
आम काटने स्टील के चाकू का उपयोग करें, महुआ संग्रहण के लिए नेट का उपयोग करें- मुख्यमंत्री ने ग्रामीण औद्योगिक केंद्र में चल रही गतिविधियों के दौरान समूह की दीदियों को सुझाव भी दिये। उन्होंने कहा कि आम काटने स्टील के चाकू का उपयोग करें। लोहे के चाकू से काटने से अमचूर काला पड़ जाता है। कटेकल्याण में महुआ इकट्ठा करने नेट का प्रयोग किया जा रहा है। आप लोग भी नेट का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि बकावंड में काजू प्रसंस्करण हो रहा है इससे 250 महिलाओं को रोजगार मिला है। आप लोग चिरौंजी का प्रसंस्करण बड़े पैमाने पर करें। इससे बड़े पैमाने पर आय होने की उम्मीद है।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।