दिनांक : 14-Nov-2024 01:00 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

जब मुख्यमंत्री ने बताया कैसे आया स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का विचार

06/06/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, Jagdalpur    

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों ने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर बड़ा मुकाम हासिल किया है। इससे प्रदेश में गुणवत्तायुक्त शिक्षा का नया स्तर कायम हुआ है। इसका विचार कैसे आया, इसे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कांकेर के शासकीय नरहरदेव उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित समर कैंप में साझा किया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सब जगह लॉकडाउन था। मैंने अधिकारियों की मीटिंग ली और कहा कि छत्तीसगढ़ 20 साल से अस्तित्व में है लेकिन ऐसा एक भी स्कूल आप लोग नहीं बना पाये जिसमें आपके बच्चे पढ़ सके। फिर स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का विचार आया। सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूलों जैसी शिक्षा हमारे बच्चों को भी मिले, इसके लिए स्कूल आरंभ किये गये। नाम रखा गया स्वामी आत्मानंद के नाम पर जिन्होंने अबुझमाड़ में आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा का इतना अच्छा काम किया।

समर कैंप

भौंरे की कील

उन्होंने कहा कि पहले रायपुर में 3 स्कूल खोले, फिर प्रदेश में 52 और अब 172 स्कूल हैं। जहां भी जाता हूँ स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों की माँग होती है। भेंट मुलाकात में मैं जनता की माँग पर इनकी घोषणा भी कर रहा हूँ।

समर कैंप में मुख्यमंत्री ने बच्चों के आग्रह पर भौंरा भी चलाया। भौंरे की कील को देखकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे ठीक करा लें, भौंरा और बढ़िया चलेगा। बच्चों की बनाई कलाकृतियों का अवलोकन भी मुख्यमंत्री ने किया। चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांकेर में साढ़े तीन सालों में बड़ा बदलाव हुआ है। इतने सारे विकास के कार्य हुए हैं कि सभी को देख पाने के लिए समय नहीं है। बहुत अच्छा लग रहा है। कांकेर तेजी से विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कूल में मैं दूसरी बार आ रहा हूँ। बहुत सुखद बदलाव इस बीच हुए हैं। पूरे स्कूल की टीम इसके लिए बधाई की पात्र है।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।