मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दूरस्थ और पहुंच विहीन क्षेत्रों के हाट बाजारों में आने वाले ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना का भरपूर लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। कांकेर जिले में 64 हजार 617 मरीजों का उपचार हाट-बाजारों के क्लिनिक में किया गया है। जिले के सभी सातों विकासखण्डों के चिन्हांकित 56 हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका उपचार एवं दवाई का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा अब सभी सातो विकासखण्डों के लिए एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल उईके ने बताया कि सर्दी, खांसी, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा मलेरिया, टी.बी., एचआईव्ही, रक्तचाप, मधुमेह, रक्ताल्पता, कुष्ट रोग, नेत्र विकार, डायरिया सहित गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का टीकाकरण करने के अलावा स्वास्थ्य संबंधी परामर्श और इलाज कर उन्हें निःशुल्क दवाइयां दी जाती हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत जिले के ऐसे ग्राम जहां हाट-बाजार लगते हैं तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कन्द्रों से दूर हैं, वहां
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर ग्रामीणों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। हाट बाजार में लगाए जा रहे विविरों में डॉ. उइके ने बताया कि जिले में अब तक 2756 शिविर लगाये गये हैं, जिनमें 64 हजार 617 की व्यक्तियों उपचार किया गया। अंतागढ़ विकासखण्ड में 6044 मरीजों का उपचार किया गया। इसी प्रकार नरहरपुर विकासखण्ड 9924 मरीज, चारामा विकासखण्ड में 18778 मरीज, भानुप्रतापपुर विकासखण्ड में 9763 मरीज, दुर्गूकोंदल विकासखण्ड में 7330 मरीज, कांकेर विकासखण्ड में 5438 मरीज तथा कोयलीबेड़ा विकासखण्ड में 7340 मरीजों का उपचार किया गया एवं निःशुल्क दवाईयां दी गई। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना से जिले के अंतिम छोर के गांव तक भी स्वास्थ्य सुविधा की पहंुच सुलभ हो गई है, जिसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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