दिनांक : 12-Oct-2024 05:46 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल : छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन में शामिल हुए

17/01/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बलौदाबाजार जिले के ग्राम वटगन मंे आयोजित पलारी राज छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 75वें राजअधिवेशन में शामिल हुए। उन्होंने समाज के पूर्वजों को श्रद्धासुमन अर्पित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।

श्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए ग्राम वटगन में संचालित शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण और कुर्मी समाज के सामुदायिक भवन बनाने के लिए 35 लाख रूपये की स्वीकृति की घोषणा की है। उन्होंने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को समाज की ओर से सम्मानित भी किया। सम्मेलन की अध्यक्षता कुर्मी समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष डॉ. रामकुमार सिरमौर ने की। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, संसदीय सचिव सुश्री शकुन्तला साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राकेश वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरिश देवांगन, पूर्व विधायक श्री जनकराम वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन में कहा कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद धान खरीदी की मात्रा और किसानों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। तीन साल पहले जहां केवल 15 लाख किसानों से धान खरीदी होती थी, वहीं आज साढ़े 21 लाख किसान समितियों में धान बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए ही हमारे पूर्वजों ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया है। धान, मक्का,गन्ना के बाद राज्य की सरकार ने अब कोदो-कुटकी को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट से उपजे बारदानें की प्रारंभिक समस्या के बाद भी सफलता पूर्वक धान खरीदी चल रही है। अब तक किसानों से 76 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। बारदानों की स्थानीय व्यवस्था एवं किसानों के सहयोग के कारण धान खरीदी सुचारू तरीके से कर पाये हैं। उन्होंने कहा कि हम दिनों-दिन समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का दायरा बढ़ा रहे हैं। नई सरकार के शुरूआती साल में जहां लगभग 80 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी हुई थी, वहीं इस वर्ष लगभग 89 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का अनुमान है।

मुख्यमंत्री नेे बताया कि भारत सरकार की अनुमति से ही राज्य सरकारें धान खरीदी का कार्य करती हैं। केन्द्र सरकार से फिलहाल केवल 24 लाख मीटरिक टन चावल लेने की अनुमति मिली है। जबकि 60 लाख मीटरिक टन चावल लिया जाना प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीका आने के बाद कोरोना बीमारी से अंतिम लड़ाई की शुरूआत हो चुकी है। फरवरी महीने के अंत तक आम जनता को टीके लगने शुरू हो जाने की संभावना जताई गई है। फिर भी इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए घोषित उपायों का पालन करते रहना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 रूपये किलो पर गोबर खरीदी का कार्य केवल छत्तीसगढ़ में हो रहा है। देश और दुनिया में कहीं पर भी गोबर खरीदी नहीं होती हैं। लोग इसे अजूबा समझ कर प्रक्रिया को समझने छत्तीसगढ़ पहंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान को हम केवल गाय-बैल को एकत्र कर रखने का केवल ठौर हीं नहीं बल्कि इसे ग्रामीण आजीविका के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। स्थानीय महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट के साथ ही धूप, अगरबत्ती सहित स्थानीय जरूरत की तमाम चीजें तैयार कर रही हैं। खाली पड़े जमीन पर साग-सब्जी उपजा कर अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित कर रहे हैं। गोबर से लोगों को इतनी ज्यादा आमदनी हो रही है कि कुछ लोग शान-शौकत की चीज फटफटी और मंगलसूत्र भी खरीद रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का गौठान अच्छा माध्यम साबित हो रहे हैं। समारोह को सांसद श्रीमती छाया वर्मा ने भी सम्बोधित किया।

कुर्मी क्षत्रिय समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष डॉ. रामकुमार सिरमौर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास और स्वराज के गांधी जी के सपने को मुख्यमंत्री श्री बघेल आगे बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन,एसपी श्री आई.के.एलेसेला सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और कुर्मी समाज के राजप्रधान और पदाधिकारी उपस्थित थे।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।