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अब पॉलिटेक्निक और ITI के छात्रों को टाटा कराएगी कोर्स, राज्य सरकार देगी जमीन

06/10/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Career    

राज्य सरकार ने बेरोजगारी को खत्म करने के लिए देश की नामी कंपनी टाटा के साथ हाथ मिलाया है। अगले सत्र से टाटा राज्य के सभी 47 पॉलिटेक्निक और 186 आईटीआई में अपना वर्कशाप खोलेगी। इसमें शार्ट और लांग टर्म कोर्स कराए जाएंगे। कोर्स करने वाले 90 प्रतिशत छात्रों को टाटा नौकरी भी देगी। सभी कोर्स बाजार को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री में जिस तरह के मेन पावर की डिमांड है, छात्रों को वही ट्रेनिंग दी जाएगी। कोर्स करने वाले सभी छात्रों को टाटा अपना सर्टिफिकेट देगी। इसको लेकर राज्य सरकार और टाटा के बीच हाल ही में एमओयू हो चुका है।

शार्ट और लांग टर्म कोर्सटाटा शार्ट और लांग टर्म दोनों तरह के सर्टिफिकेट कोर्स कराएगी। 3,4,5 महीने से लेकर छात्रों को एक साल तक के कोर्स पढ़ने को मिलेंगे। जैसे कोर्स कंप्लीट होते जाएंगे, वैसे ही आगे के कोर्स में पढ़ाई के लिए दाखिला मिलता जाएगा। टाटा जॉब कैसे देगी?टाटा से कोर्स करने वाले 90 प्रतिशत छात्रों को जॉब मिलेगी। टाटा के साथ कई इंटरनेशनल कंपनियां जुड़कर भी काम करती हैं। टाटा अपने यहां तो छात्रों को नौकरी देगा ही, साथ वाली इंटरनेशनल कंपनियों में भी छात्रों को प्लेसमेंट मिलेगा।

10 हजार स्क्वायर फीट जमीन देगी सरकार

हर आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में सरकार टाटा को 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन 3 साल के लिए देगी। इस जमीन पर टाटा अपने वर्कशाप का प्री स्ट्रक्चर खड़ा करेगा। क्लासरूम से लेकर ट्रेनिंग रूम तक होंगे। इसके लिए जनवरी तक सर्वे पूरा हो जाएगा और जमीन चिन्हित कर ली जाएगी। 3 साल बाद अगर एमओयू आगे नहीं बढ़ता है तो टाटा इस जमीन को खाली कर देगा।

टाटा के साथ एमओयू हुआ

सीएम के सलाहकार प्रदीप शर्मा के मुताबिक टाटा के साथ एमओयू हुआ है, आने वाले समय में कुछ और कंपनियों के साथ एमओयू किए जाएंगे। यह आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग में गेम चेंजर बनेगा। अब इन कॉलेजों से निकलने वाले छात्र बाजार के हिसाब से स्किल्ड टेक्नोक्रेट्स होंगे। कॉलेज में कोर्स पूरा होने से पहले ही छात्रों के पास नौकरी होगी।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।