दिनांक : 12-Oct-2024 02:00 PM
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दंतेवाड़ा में तीन नक्सली ढेर, इनामी थे तीनों

दंतेवाड़ा में तीन नक्सली ढेर, इनामी थे तीनों

Chhattisgarh, Jagdalpur
अबूझमाड़ इलाका नक्सलियों के लिए अब तक सेफ जोन माना जाता रहा है। अब नक्सली विरोधी अभियान में तेजी आने के बाद फोर्स के हाथ खुल गए हैं। इसी कड़ी में दंतेवाड़ा क्षेत्र में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अबूझमाड़, रेकावाया मुठभेड़ में मारे गए 8 नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। मुठभेड़ में 5-5 लाख के 5 ईनामी नक्सलियों के साथ 2-2 लाख के 3 ईनामी नक्सली मारे गये थे। कुल 31 लाख के ईनामी नक्सली रेकावाया मुठभेड़ में मारे गए। वहीं बताया जा रहा है कि अबूझमाड़ मुठभेड़ मामले में आमदई एरिया कमेटी के ज्यादा नक्सली मारे गए। बता दें कि तीन दिन पहले भी अबूझमाड़ में मुठभेड़ हुआ था। इस मामले की पुष्टि DIG दंतेवाड़ा कमलोचन कश्यप ने की है। वहीं शिनाख्त की गई मारे गए नक्सलियों में से महिला नक्सलियों के शवों के पास से उनके हथियार के साथ-साथ कई नक्सली साहित्य और डायरी भी बरामद हुआ है, जिसकी ...
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दंतेवाड़ा में आयोजित फागुन मड़ई में पहुँचे, गीदम में मां दंतेश्वरी के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दंतेवाड़ा में आयोजित फागुन मड़ई में पहुँचे, गीदम में मां दंतेश्वरी के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की

Chhattisgarh, Dantewada
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में माँ दंतेश्वरी मंदिर परिसर में आयोजित फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में शामिल हुए। यहां मुख्यमंत्री ने गीदम में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां दंतेश्वरी के नाम पर करने, गीदम को नए राजस्व अनुभाग का दर्जा देने और शंखनी-डंखनी नदी में पर्यटन के लिए रिवर फ्रंट व्यू पॉइंट का निर्माण करने की घोषणा की। फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में पहली बार शामिल हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यहां ओड़ीसा, तेलंगाना सहित बस्तर के 851 देवी, देवताओं की बिदाई को अदभुत बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के कई रंग हैं, बस्तर के दशहरा के समान दंतेवाड़ा की फागुन मड़ई भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मां दंतेश्वरी के आंगन में होली खेलने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों देवी-देवता यहां आते हैं। हमारे यहां की आदिवासी परंपराओं के पीछे जो ...
दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से जली होलिका, राज परिवार के सदस्य ने निभाई अनूठी रस्में

दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से जली होलिका, राज परिवार के सदस्य ने निभाई अनूठी रस्में

Chhattisgarh, Dantewada
छत्तीसगढ़ के बस्तर में होली को लेकर कई ऐतिहासिक परंपराएं हैं। सबसे पहले आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में ताड़ के पत्तों की होलिका जलाई गई। यहां से जलते अंगार को माड़पाल लाया गया। इसी से बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने होलिका दहन किया। भंजदेव ने करीब 700 साल पुरानी परंपरा के अनुसार दंतेश्वरी मंदिर के सामने एक साथ दो होलिका दहन की अनूठी रस्में निभाई। इसे जोड़ा होली भी कहा जाता है। बस्तर के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में इन परंपराओं का विशेष महत्व है। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन किया गया है। यह रस्म भी सालों से चली आ रही है। लगभग 11 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध फागुन मड़ई के पहले दिन ही पूरे विधि-विधान से ताड़फलंगा की रस्म पूरी की गई थी। दंतेश्वरी सरोवर में ताड़ के पत्तों को पहले धोया गया। फिर पूजा कर इन्हें रखा गया। जिसक...
बदलता दंतेवाड़ाः नई तस्वीर: शिशु प्रबंधन में जिला अस्पताल की जीत, नवजात बच्चे को मिला नवजीवनदान

बदलता दंतेवाड़ाः नई तस्वीर: शिशु प्रबंधन में जिला अस्पताल की जीत, नवजात बच्चे को मिला नवजीवनदान

Chhattisgarh, Dantewada
दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड कुआकोंडा के ग्राम टिकन पाल की रहने वाली संतो आज खुशी-खुशी अपने परिवार के साथ जीवन जी रही है। अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती लगभग 68-70 दिन बाद बच्चे को परिवार को सुपुर्द करते हुए अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया बच्चे को स्वस्थ देख परिवार के सदस्यों की आंखें भर आई सभी ने बच्चे को गोदी में लेकर खूब प्यार और दुलार किया। एक समय ऐसा भी था की बच्चे की बचने की दुआएं कर रहे थे पर आज सब कुछ अच्छा देख सभी खुश है लेकिन पुराने दिनों के संघर्ष को कोई नहीं भूल सकता। ये कहानी है उस बच्ची की जो 31 अक्टूबर 2022 जब जिला अस्पताल दंतेवाड़ा के प्रसूति कक्ष में संतो ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। ये बच्चे बहुत ही कमजोर व प्रीमेच्योर थे पहला बच्चे का वजन 930 ग्राम जिसकी जन्म लेते ही मृत्यु हो गई। द्वितीय शिशु भी कमजोर एवं कम वजन का था जिसका वजन 1085 ग्राम था जिसे तत्काल एसएनसीयू...
बदलता दन्तेवाड़ाः हितग्राहियों की जुबानी झोपड़ी से पक्के मकान तक की कहानी

बदलता दन्तेवाड़ाः हितग्राहियों की जुबानी झोपड़ी से पक्के मकान तक की कहानी

Chhattisgarh, Dantewada
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से कई ग्रामीणों की जिंदगी बदल रही है। अब हर व्यक्ति का पक्के मकान का सपना साकार हो रहा है ऐसे ही अपने पक्के आवास का सपना देखा था ग्राम पंचायत बिंजाम की रहने वाली फुनकी बताती हैं वे पहले वे अपने पुराने घर में रहती थी। जो कि बारिश से उनका घर गिर गया था। ऐसे स्थिति में पक्का आवास की कल्पना कर पाना मुश्किल था। परन्तु इस कल्पना को साकार किया प्रधानमंत्री आवास योजना ने। आपको बताते दे कि फुनकी एक बुजुर्ग विधवा महिला हैं फुनकी के पति की मृत्यु पूर्व में हो चुकी थी ऐसे में अकेले जीवन काटना मुश्किल था परन्तु बुजुर्ग महिला ने अपने हौसले से अपना जीवन जिया, फुनकी की आयु आज 55 वर्ष से अधिक की है उनके परिवार में उनके बेटे बहू और पोते-पोतियां हैं। वे बताती है उन्हें वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। इस योजना के तहत एक लाख 30 हजार रूपये की राशि ...
बस्तर महाराज प्रवीर चंद्र भंज देव: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का वो मसीहा जो राजनीति की भेट चढ़ गया – I

बस्तर महाराज प्रवीर चंद्र भंज देव: छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का वो मसीहा जो राजनीति की भेट चढ़ गया – I

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
रियासत काल के प्रथम उड़िया और अंतिम काकतिया शासक प्रवीर चन्द्र भंजदेव आधुनिक बस्तर को दिशा प्रदान करने वाले पहले युगपुरुषों में से एक हैं। सन 1947 में भारत की आज़ादी के बाद मध्यप्रदेश के बस्तर क्षेत्र में (उस समय बस्तर मध्यप्रदेश का हिस्सा थी।) राजा प्रवीर चंद्र भंज देव के नेतृत्व में आदिवासी आंदोलन कांग्रेस के लिए चुनौती बनता जा रहा था। वे बस्तर के जनजातीय लोगों के अधिकारों के लिए लड़े। बाद में वे 1957 के आम चुनाव जीतकर अविभाजित मध्य प्रदेश विधान सभा के जगदलपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे अपने लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय थे, क्योंकि उन्होंने स्थानीय जनजातीय का मुद्दा उठाया और इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के शोषण के खिलाफ राजनीतिक नेतृत्व प्रदान किया। भूमि सुधारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाया और इस प्रकार वे तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस के लोगों द्वारा खतरा मान...
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF): छत्तीसगढ़ में 400 कांस्टेबल/GD पदों पर सीधी भर्ती, नोटिस जारी

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF): छत्तीसगढ़ में 400 कांस्टेबल/GD पदों पर सीधी भर्ती, नोटिस जारी

Chhattisgarh
CRPF Recruitment 2022: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने छत्तीसगढ़ में 400 कांस्टेबल/GD पदों पर सीधी भर्ती के लिए रोजगार समाचार अलर्ट (Sarkari Job Alert) जारी किया है। यह भर्ती रैली के माध्यम से की जाएगी, रैली भर्ती का स्थान और समय की जानकारी नीचे दी गयी है। इस सरकारी जॉब वैकेंसी के इच्छुक सभी उम्मीदवारों से निवेदन है की CRPF Job Vacancy 2022 के लिए Online Apply करने से पहले रोजगार संबंधी सभी आवश्यक जानकारियाँ (Official Notification) पढ़ लें उसके बाद ही आवेदन करें। शैक्षिक योग्यता (Qualification) कम से कम आठवीं कक्षा पास किया हो, कृपया सटीक जानकारी के लिए इस नौकरी के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन (Sarkari Naukri Notification) जरूर देखें। पदों का नाम (Name of Posts) कुल वैकेंसी - 400 पद कांस्टेबल/GD जिला: बीजापुर (पुरुष: 128) जिला: दंतेवाड़ा (पुरुष: 144) जिला: सुकमा (पुरुष: 1...
रीता मंडावी के हौसले को सलाम, नक्सलियों से बेखौफ, बखूबी निभा रही सरपंच की जिम्मेदारी

रीता मंडावी के हौसले को सलाम, नक्सलियों से बेखौफ, बखूबी निभा रही सरपंच की जिम्मेदारी

Chhattisgarh, Dantewada, India, Tribal Area News and Welfare
धुर नक्सली क्षेत्र की एक सामान्य सी दिखने वाली महिला रीता मंडावी के हौसल को लोग सलाम कर रहे हैं। नक्सली हिंसा में पति को खोने के बाद भी वे न केवल अपने परिवार को संभाल रही है बल्कि वह एक सरपंच की भूमिका भी मजबूती से निभा रही है। मुरिया जनजाति से तालुक रखने वाली रीता मंडावी सरपंच का मानदेय भी गांव के लोगों के लिए खर्च कर देती हैं। पति के जाने के बाद रीता को बस एक ही बात की चिंता थी कि उसके बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी लेकिन अब मुख्यमंत्री से मिली मदद से रीता की ये चिंता भी दूर हो गई है जिससे वो पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में कुटरू क्षेत्र के अपने प्रवास के दौरान नक्सली हिंसा की पीड़ित रीता मंडावी को 5 लाख रूपए कि आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी का कहना है कि वो इन पैस...
जहां नक्सलियों ने किए थे सीरियल ब्लास्ट, वहीं अफसरों की जनचौपाल, कहा- सड़क निर्माण में सहयोग करे

जहां नक्सलियों ने किए थे सीरियल ब्लास्ट, वहीं अफसरों की जनचौपाल, कहा- सड़क निर्माण में सहयोग करे

Chhattisgarh, Dantewada
छतीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके के एक धुर नक्सल प्रभावित गांव में कलेक्टर और SP ने पहली बार जनचौपाल लगाई। इलाके के ग्रामीणों को सड़क निर्माण काम में सहयोग करने को कहा। साथ ही आश्वासन दिया कि इलाके में सड़क बनेगी तो गांव का विकास करेंगे। ग्रामीणों को सारी मूलभूत सुविधाएं मिलेगी। सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। बता दें कि यह वही गांव है जहां कुछ दिन पहले माओवादियों ने 2 सीरियल IED ब्लास्ट किया। IED की चपेट में आने से 2 जवान घायल हुए थे। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी और SP सदानंद कुमार नक्सल प्रभावित गांव कुरूषनार पहुंचे। पहले इलाके के ग्रामीणों की समस्या सुनी। उनकी समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया। कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि गांव के विकास के लिए आप सभी का सहयोग आवश्यक है। किसी भी क्षेत्र का विकास तभी संभव है, जब वहां सड़क उपलब्ध हो। आप सभी जिला प्रशासन जो सड़क निर्माण करवा रही ...
सलवा जुडूम के दौरान सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा से विस्थापित होकर तेलंगाना-आंध्रप्रदेश गए लोग यदि वापस लौटना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है : मुख्यमंत्री बघेल

सलवा जुडूम के दौरान सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा से विस्थापित होकर तेलंगाना-आंध्रप्रदेश गए लोग यदि वापस लौटना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है : मुख्यमंत्री बघेल

Chhattisgarh, Dantewada
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सलवा जुडूम के दौरान छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा से विस्थापित कर तेलंगाना और आंध्रप्रदेश गए छत्तीसगढ़ के लोग यदि वापस आना चाहते हैं, तो राज्य सरकार उनका दिल से स्वागत करने को तैयार है। कार्ययोजना बनाकर उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में तेलंगाना से आए छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। इस प्रातिनिधि मंडल में शामिल लोग सलवा जुडूम के दौरान छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले से विस्थापित हो कर तेलंगाना चले गए थे। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, छत्तीसगढ़ राज्य अनसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानुप्रताप सिंह उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने उनसे किसी उपयुक्त स्थान में बसने और कृषि के लिए जमीन उपलब...