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रीता मंडावी के हौसले को सलाम, नक्सलियों से बेखौफ, बखूबी निभा रही सरपंच की जिम्मेदारी

19/05/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, Dantewada, India, Tribal Area News and Welfare    

धुर नक्सली क्षेत्र की एक सामान्य सी दिखने वाली महिला रीता मंडावी के हौसल को लोग सलाम कर रहे हैं। नक्सली हिंसा में पति को खोने के बाद भी वे न केवल अपने परिवार को संभाल रही है बल्कि वह एक सरपंच की भूमिका भी मजबूती से निभा रही है। मुरिया जनजाति से तालुक रखने वाली रीता मंडावी सरपंच का मानदेय भी गांव के लोगों के लिए खर्च कर देती हैं। पति के जाने के बाद रीता को बस एक ही बात की चिंता थी कि उसके बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी लेकिन अब मुख्यमंत्री से मिली मदद से रीता की ये चिंता भी दूर हो गई है जिससे वो पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में कुटरू क्षेत्र के अपने प्रवास के दौरान नक्सली हिंसा की पीड़ित रीता मंडावी को 5 लाख रूपए कि आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी का कहना है कि वो इन पैसों को अपने बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए खर्च करेगी और अपने जीवन को पहले की तरह ही समाज सेवा और लोगों को जागरूक करने में समर्पित करेगी.

बीजापुर जिले के अड्डावली गांव में रीता मंडावी का हंसता खेलता परिवार था। आदिवासी समाज को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए उनके पति घनश्याम मंडावी हमेशा सजग रहते थे। शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने हमेशा लोगों को प्रेरित करते थे। बस यही बात नक्सलियों को खट गई। एक दिन उनकी नक्सलियों ने हत्या कर दी।

नक्सलियों को लगा कि ऐसा करके वो गांव, समाज और घनश्याम के परिवार की हिम्मत को तोड़ देंगे. लेकिन नक्सलियों को शायद ये पता नहीं था कि मॉं, पत्नी और सरपंच तीनों की भूमिका निभा रही रीता मंडावी के हौंसले कहीं ज्यादा बड़े हैं। पति की मौत के बाद डरने की बजाए रीता ज्यादा मजबूती से खड़ी हुई। रीता अपने 4 साल के बेटे और 2 साल की बेटी के साथ उसी कार्य में लगी रहीं जो वो अपने स्वर्गीय पति के साथ करती थीं, लोगों को जागरूक करना और शासन की योजनाओं को घर घर तक पहुंचाना।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।