आकार लेने लगी है छत्तीसगढ़ में पर्यटन तीर्थों की नयी श्रृंखला, पर्यटन के विश्व मानचित्र पर होगा छत्तीसगढ़ का नाम
छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। वनवास काल में श्रीराम ने यहाँ महत्वपूर्ण समय व्यतीत किया, यहां के ऋषि आश्रम, प्रकृति के मध्य वनवास काटा, इसलिए यहाँ की जनश्रुतियों, लोककथाओं, आम जनजीवन में राम रचे-बसे हैं। जनमान्यताओं के सम्मान में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की संकल्पना पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा भगवान श्रीराम के ननिहाल प्राचीन दक्षिण कौशल वर्तमान छत्तीसगढ़ में श्रीराम पथ वनगमन परिपथ के रूप में प्राचीनतम महत्व के वैश्विक पर्यटन क्षेत्रों का विस्तार किया जा रहा है।
मान्यता है कि श्रीराम के साथ माता सीता और लक्ष्मण ने 12 साल छत्तीसगढ़ में बिताये थे। जिन जगहों पर भगवान राम आए थे ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित कर वैश्विक पर्यटन के अनुरूप विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में कोरिया से सुकमा तक 2260 किमी की लंबाई तक 9 जगहों क...