वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा है। इसके तहत राज्य में विगत माह तक 23 प्रकरणों में 36 लाख 10 हजार रूपए की राशि स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें स्वीकृत राशि संबंधित के बैंक खाते में हस्तानांतरित कर दी गई है।
इसके तहत स्वीकृत प्रकरणों में दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) वनमण्डल के अंतर्गत 11 प्रकरणों में 16 लाख 90 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है। इसी तरह धरमजयगढ़ वनमण्डल के 7 प्रकरणों में 8 लाख 90 हजार रूपए तथा राजनांदगांव वनमण्डल के 2 प्रकरणों में 4 लाख 30 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा वनमण्डल धमतरी, गरियाबंद तथा मनेन्द्रगढ़ के अंतर्गत एक-एक प्रकरण में दो-दो लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।
गौरतलब है कि राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना विगत 5 अगस्त 2020 से संचालित है। इस योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 18 से 50 वर्ष तक हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दो लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है। दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में दो लाख रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।
इसी तरह तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 30 हजार रूपए तथा दुर्घटना से मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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