दिनांक : 12-Oct-2024 07:00 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

मुख्यमंत्री बघेल ने बोट में बैठकर किया नौका विहार, कहा- प्राकृतिक खुबसूरती से भरा है छत्तीसगढ़, सतरेंगा आईए, आनंद उठाईये

05/01/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

कोरबा जिले के मनोरम एवं खूबसूरत तथा नव विकसित पर्यटन स्थल सतरेंगा की खूबसूरती और हसदेव नदी का अथाह जल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भा गया। एक रात सतरेंगा के रिसॉर्ट में ठहरने के बाद सुबह यहां की प्राकृतिक छटा और शांत वातावरण ने मुख्यमंत्री बघेल का मन मोह लिया। बाद में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने देश-विदेश के पर्यटकों को सतरेंगा आकर वहां की खूबसूरती का आनंद लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक खूबसूरती से भरा राज्य है। बस्तर हो या सरगुजा, बिलासपुर हो या बारनवापारा और अब कोरबा का सतरेंगा यहां हर जगह प्राकृतिक सौंदर्य है, रमणीय स्थल है। लोग यहां ज्यादा से ज्यादा आयें और तनाव भरें व्यस्त जीवन में से कुछ आनंद के पल यहां बितायें। बघेल ने सतरेंगा में पर्यटन की दृष्टि से हुए विकास कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां विकसित सुविधाओं की जानकारी कलेक्टरमती किरण कौशल से ली। मुख्यमंत्री ने सतरेंगा में बने रिसॉर्ट, ओपन आडिटोरियम, बोटिंग की व्यवस्था के साथ-साथ आकर्षक गार्डन की तारीफ की। उन्होंने इस सभी विकास कार्यों और सतरेंगा विकास की भविष्य की तैयार योजना के लिए कलेक्टरमती कौशल की तारीफ की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 04 जनवरी को कोरबा प्रवास के दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सतरेंगा पर्यटन स्थल के कॅाटेज में रात्रि विश्राम किया। मुख्यमंत्री ने बांगो जलाशय की अपार जलराशि में विकसित पर्यटल स्थल सतरेंगा में प्राकृतिक विहंगम दृश्यों के साथ प्रकृति की गोद में समय बिताने का आनंद लिया। बघेल ने अगले दिन की सुबह प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण पर्यटन स्थल में कू्रज बोट  में बैठकर नौका विहार भी किया। मुख्यमंत्री ने अपार जल राशि के बीच बने 25 सीटर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट पहुंचकर चाय की चुस्की का आनंद लिया। मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, स्कूल शिक्षा मंत्री एवं कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, कोरबा सांसदमती ज्योत्सना महंत, कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, पूर्व विधायक बोधराम कंवर भी बोट में बैठे थे।

पर्यटन स्थल सतरेंगा में प्राकृतिक विहंगम दृश्यों के साथ वॉटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर स्पोर्ट्स के साथ नौका विहार करने की सुविधा विकसित किया गया है।  सतरेंगा स्थित नवनिर्मित रिसॉर्ट मंे आकर्षक पार्क और ओपन जिम की सुविधा, पार्क में लॉन ग्रास के साथ लगभग दस हजार रंग बिरंगे फूलों के पौधे, चिल्ड्रन गार्डन में झूले और फिसलपट्टियां की भी सुविधा उपलब्ध है। रिसॉर्ट परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमांे के लिए सुसज्जित ओपन थियेटर, थियेटर में सीढ़ीनुमा बैठक व्यवस्था है। हर शाम यहां पर्यटकों के लिए छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति से रूबरू होने स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा लोक नृत्य, लोक गीतों के साथ कैम्प फायर का आयोजन की भी सुविधा है। पास ही कू्रज स्पीड बोट, जेट बोट आदि के साथ वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधा उपलब्ध है। सतरेंगा के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ अपनी फोटो लेने के लिए सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। खाने-पीने की सुविधा के लिए स्थानीय महिला समूहों द्वारा ‘‘सतरेंगा कैफीटेरिया‘‘ का संचालन भी किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि  छत्तीसगढ़ में स्थानीय पर्यटन स्थानों का विकास राज्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। प्रदेश के प्राकृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के पर्यटन स्थलों के विकास से जहां एक ओर छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है वहीं बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर भी मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा वन विभाग के सहयोग से सतरेंगा में वर्ष 2019-20 में जिला खनिज न्यास मद से 20 लाख रूपये की लागत से विकास कार्य किये गये हैं। सतरेंगा में पर्यटकों के लिए शानदार कॉटेज, विश्रामगृह, ग्लास हाउस एवं अतिथि गृह का निर्माण किया गया है। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है। इसके साथ ही पर्यटकों की सुविधा के लिए होटल, मोटल, रिसॉर्ट, कॅाटेज आदि का लगातार निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने मछली पालन के लिए 40 हितग्राहियों कोे दिये छह करोड़ रूपये – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सतरेंगा पर्यटन स्थल में केज कल्चर से हो रहे मछली पालन का अवलोकन किया। इस दोैरान मुख्यमंत्री ने केज कल्चर से मछली पालन के लिए 40 हितग्राहियों को 15-15 लाख कुल छह करोड़ रूपये की अनुदान सहायता राशि का स्वीकृति पत्र और मछुआ सहकारी समिति को एक लाख रूपये का जाल प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने मछुआ समिति के सदस्यों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया। सतरेंगा में मछली पालन के लिए मछली पालन विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में 50 लाख रूपये की लागत से केज प्लेटफार्म की स्थापना की गई है। यहां केज कल्चर से तिलापिया और पंगेशियस मछली का पालन किया जा रहा है। मछली पालन से प्रत्यक्ष रूप से 40 और अप्रत्यक्ष रूप से 100 हितग्राहियों को तीन लाख से साढ़े तीन लाख रूपये तक की वार्षिक आय प्राप्त होगी। इस योजना के लिए छह करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसमें जिला खनिज न्यास निधि से 3 करोड़ 60 लाख रूपये और मछली पालन विभाग से 2 करोड़ 40 लाख रूपये शामिल है।

मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से मछलियों को खिलाया दाना- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पर्यटन स्थल सतरेंगा में केज कल्चर से हो रहे मछली पालन का अवलोकन किया। इसके बाद बघेल ने पाले गये पंगेशियस मछलियों को दाना अपने हाथों से खिलाया। मुख्यमंत्री ने मछली पालन करके लोगों को बीपीएल से एपीएल में लाने वाली योजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मछली पालन करने से होने वाले लाभ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को गरीबी से निकालकर सामान्य वर्ग में ला रहा है। उन्होंने मछुआ समिति द्वारा सतरेंगा में किये जा रहे मछली पालन की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने जिले के अधिकारियों से पारिवारिक माहौल में की बातचीत- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा प्रवास के दूसरे दिन आज ओपन थियेटर सतरेंगा में जिले के सभी विभागों के अधिकारियों से पारिवारिक माहौल में बातचीत की। उन्होंने अधिकारियों से उनका परिचय पूछा और उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी भी ली। बघेल ने जिले में अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा तत्पर होकर निष्ठा और ईमानदारी से लोगों की सेवा में लगे रहने की बात कही। मुख्यमंत्री ने  जिले में चल रहे कार्यों की जानकारी ली और योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से करने के निर्देश दिये। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन पर जोर देते हुए धान का फसल लेने के बाद गेहूं फिर साग-सब्जी उगाकर आय बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित करने के भी सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने ब्लाक स्तर पर भी अच्छी गुणवत्ता के साथ इंग्लिश मिडियम स्कूल प्रारंभ करने तथा आईएएस, आईएफएस, आईपीएस जैसे सभी अधिकारियों को भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने को कहा। जिससे आम लोगों के बच्चों में समानता और एकता का विकास होगा और गरीब बच्चे भी अंग्रेजी स्कूलो में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।