दिनांक : 27-Apr-2024 05:25 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

रायपुर : दिव्यांग ललिता को गोठान ने दी ताकत : खुद भी कमा रहीं : 35 महिलाओं को भी दिया रोजगार

18/06/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

पहले मैं बहुत दुखी रहती थी। खाने-पीने तक के लिए मां-बाप पर ही आश्रित थी। लेकिन अब खुद कमा-खा रही हूं, और दूसरों को भी खिला-पिला सकती हूं। मैंने आज 35 और महिलाओं को अपने साथ जोड़कर रोजगार दिया है। कोरबा जिले की दिव्यांग महिला ललिता राठिया ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को अपने जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी सुनाई। वे जनपद पंचायत कोरबा से करीब 65 किलोमीटर दूर ग्राम चिर्रा की निवासी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ललिता राठिया महिला सशक्तिकरण के अनुकरणीय उदाहरण के रूप में सामने आई हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ललिता उनकी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ललिता तथा उनकी समूह की महिलाओं को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग होने के बाद भी महिलाओं को आर्थिक विकास की राह पर चलने के लिए रास्ता दिखा रहीं हैं, यह निश्चित ही जहां चाह वहां राह की बातों को सिद्ध करता है। श्री बघेल ने ललिता की तारीफ करते हुए कहा कि शासन की लाभकारी योजनाओं की जानकारी ललिता को है, मुझे बताने की जरूरत नहीं पड़ी। शासन की योजनाएं गरीब, किसान एवं सभी लोगों के लिए निश्चित ही लाभदायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ललिता ने दिव्यांग होकर भी खुद आर्थिक रूप से मजबूत होकर गांव की दूसरी महिलाओं को भी स्वावलंबन की राह दिखाई है। यह सभी के लिए प्रेरणादायक है। ललिता सभी महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है। प्रदेश की सभी गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों के रूप में स्थापित करना है। गौठान के माध्यम से सभी ग्रामीणों को जोड़कर रोजगार के नए अवसर प्रदान करना और लोगों को स्वावलंबी बनाना सरकार का उद्देश्य है।

जिले के विकास कार्यों के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए ललिता ने बताया था कि उनके दोनों पांव खराब हैं। अपने जीवन को लेकर वे निराश थीं। लेकिन राज्य शासन की नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना से जुड़कर जीवन की दिशा ही बदल गई।  ललिता ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि शासन की महत्वकांक्षी नरवा-गरवा-घुरूवा-बाड़ी योजना एवं गोधन न्याय योजना से जुड़कर गांव की 35 महिलाओं ने पांच लाख 28 हजार 900 रूपए की आय अर्जित कर लिया है। दिव्यांग होने के बावजूद अपने गांव चिर्रा के गौठान में सक्रिय सदस्य के रूप में काम करके लोगों के सामने आर्थिक मिसाल पेश की है।

ललिता ने बताया कि गांव की विधवा परित्यकता एवं अन्य महिलाओं को मिलाकर 35  महिलाओं का समूह बनाया। समूह की महिलाएं गौठान में मछली पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, धान की खेती, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन जैसे आर्थिक गतिविधियों में काम कर रहीं है। गांव में ही काम मिल जाने से गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। आर्थिक मजबूती मिलने से गांव की महिलाएं अपने घर-परिवार तथा बच्चों का भरण-पोषण एवं पढ़ाई-लिखाई अच्छे से कर पा रही है। ललिता ने बताया कि समूह की महिलाएं मिलकर 800 क्विंटल गोबर खाद की खरीदी कर चुकी है और 400 क्विंटल केंचुआ खाद भी बना चुकी हैं।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।