राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव परिसर में युवा पारंपरिक खेल गेड़ी, बिल्लस, भंवरा, पिट्टूल खेलते भी दिखे। वे इस खेल को बड़े उत्साह से खेलते हुए रोमांचित हो रहे थे। अन्य प्रदेश से आए लोक कलाकार व महोत्सव देखने आए लोग भी बड़े रुचि से इन खेलों का खेलने का प्रयास किए। साइंस कॉलेज के बीएससी द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत अमित देवांगन, राखी, संजना और राजेश ने भी गेड़ी में संतुलन बनाते हुए चलने का प्रयास किया। वही अन्य युवाओं ने भी भंवरा, बिल्लस और पिट्टूल पर अपना हाथ अजमाया। महोत्सव परिसर में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़िया ओलंपिक परिसर में पारंपरिक खेलों की जानकारी एवं खेलने के लिए सुविधा प्रदान कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस वर्ष पूरे राज्य में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया है। इस आयोजन से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। अन्य राज्यों से आए कलाकारों और महोत्सव देखने आए लोगों ने राज्य सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा और आने वाली पीढ़ी भी इन पारंपरिक खेलों खेलों के प्रति रुचि लेगी।
Author Profile
- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
Latest entries
- Chhattisgarh05/05/2024छत्तीसगढ़ में थमा चुनाव प्रचार, उत्साह से लबरेज सीएम साय ने सभी 11 सीटें जीतने की कही बात
- Chhattisgarh05/05/2024ईपिक कार्ड के अलावा इन दस्तावेजों को दिखाकर भी कर सकेंगे मतदान
- Chhattisgarh05/05/2024राधिका खेड़ा को कांग्रेस आलाकमान से मिली फटकार, इस्तीफा पत्र में उल्लेख
- Chhattisgarh05/05/2024राधिका खेड़ा के पार्टी से इस्तीफा के बाद भाजपा ने दी अपनी प्रतिक्रिया