
कोटा ।जिले की कम से कम 18 ग्राम पंचायतों में प्रशासन ने इस दिवाली स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के सामान और दीयों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए एक नया तरीका निकाला है। कनवास उपखंड के अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे न केवल विदेशी उत्पादों को छोड़कर पर्यावरण के अनुकूल दिवाली त्योहार को प्रोत्साहित किया जा सकेगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए सामानों की बिक्री में भी सुधार होगा।
इस पहल के तहत, प्रशासन ने एक लॉटरी योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें एक फ्रिज, दो कूलर, घड़ियां और 50,000 रुपए तक के अन्य उपहारों को शामिल किया गया है। 20 से अधिक मिट्टी के दीये या उत्पाद खरीदने वाले ग्राहकों को दिवाली के बाद होने वाले ‘लकी ड्रॉ’ के लिए एक कूपन दिया जाएगा।
कनवास उपखंड में 18 ग्राम पंचायतें स्थानीय कारीगरों के बीच करीब 10,000 कूपन वितरित करेंगी और उन्हें गांव में अपना माल बेचने के लिए जगह भी प्रदान करेंगी। लॉटरी को लेकर ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सार्वजनिक घोषणाएं भी की जाएंगी। कनवास के एसडीएम राजेश डागा ने बताया कि विदेशी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा के बीच पारंपरिक व्यवसाय विलुप्त होने के कगार पर थे और स्थानीय कारीगर मुश्किल से ही अपना गुजर-बसर कर पाते थे।
उन्होंने बताया कि लॉटरी प्रणाली के इस नए तरीके के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों और व्यापारियों से वित्तीय सहायता प्राप्त की गई है। उन्होंने कहा कि अनुमंडल की प्रत्येक ग्राम पंचायत ने भी दो-दो हजार रुपए देने पर सहमति जताई है।
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- बिशेष दुदानी रायपुर में निवास करते है, इन्होने ने Btech IT की डिग्री की है, वेब डेवलपमेंट और पत्रकारिकता में रूचि है। दैनिक इस्पात टाइम्स रायपुर एवं रायगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार है और गोंडवाना एक्सप्रेस में सह-संपादक/प्रबंधक की भुमिका निभा रहे है।
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