रायपुर। आज 30 दिसंबर 2022 देर रात को ब्राज़ील फुटबाल खिलाडी पेले का निधन हो गया है। पेले ब्राज़ील ही नहीं विश्व के महान फुटबॉल खिलाडी, फुटबाल के जादूगर एवं ब्लैक पर्ल के नाम से विख्यात थे।
कैसे Edson Arantes do Nascimento से नाम पड़ा पेले – Pele
पेले का मूल नाम Edson Arantes do Nascimento था उनका जन्म 23 अक्टूबर 1940 को हुआ। उनके पिता डोडिन्हो (Dondinho) भी ब्राज़ील के Fluminense क्लब के लिए फुटबॉल खेला करते थे। बचपन के 5 वर्ष की उम्र से वे गलियों में अपने मित्रो के साथ फुटबॉल की कला सीखा करते थे। उन्हें तो माता पिता “Dico” प्यार से बुलाते थे, पर Edson उर्फ़ पेले को Vasco De Gama के फुटबॉल खिलाडी गोलकीपर Belle बहुत पसंद था, जिसका अर्थ होता है “जादुई” पर नाम बिगड़ते बिगड़ते “Pele” पड़ गया जिसका कोई अर्थ ही नहीं है।
पेले के पिता की फुटबॉल छोड़ने के बाद माली हाथ ठीक नहीं थी, तब खेल में इतना पैसा या नाम भी नहीं था जितना आज एक सामान्य प्लेयर को मिल जाता है।
पिता को किया विश्व कप ब्राज़ील को जीतवाने का वादा
वर्ष 1950 : विश्व कप फाइनल में ब्राज़ील का मुकाबला उरुग्वे से था, पुरे टूर्नामेंट में ब्राज़ील एक तरफ़ा 6-6 गोल से अपने मैच जीत रहा था। ब्राज़ील की जनता को पूरा यकीन था फाइनल ब्राज़ील ही जीतेगा और जश्न की पूरी तैयारी थी। पर उरुग्वे ने बड़ा उलटफेर करते हुए 2-1 से मैच और कप अपने नाम कर लिया। पूरा ब्राज़ील ग़म में डूबा था, कई लोग स्टेडियम से कूद गए थे।
तब पेले के पिता डोडिन्हो रेडियो पर कमेंट्री सुन रहे तो और बड़ी निराशा से रोये थे। फुटबॉल ब्राज़ील के लिए बस एक खेल नहीं अपितु धर्म से भी बड़ा है। अपने रोते हुए पिता को तब 9 वर्ष के पेले ने वादा किया “पिता जी, एक दिन में बड़ा हो कर ब्राज़ील को विश्व कप जरूर जीतवाऊंगा, मेरा आपसे वादा है” इस घटना के बाद पेले बड़ी निष्ठा से फुटबॉल का अभ्यास करने लगे।
पिता के दिए वादे को पेले ने बखूबी निभाया बड़े हो कर मात्र एक विश्व कप नहीं तीन-तीन विश्व कप ब्राज़ील के नाम कर दिए थे.
Santos फुटबॉल क्लब में ट्रेनिंग एवं प्रोफेशनल फुटबॉल में कदम
वर्ष 1956 : पेले की खोज गली-मोहाले के छोटे मैदानों में अपनी उम्र के बच्चो के साथ खेलते हुए, सांतोस (Santos) फुटबॉल क्लब के स्काउट्स ने की। तब वे फुटबॉल खेल कर, चाय दूकान में काम कर के पैसा कमाया करते थे। उनके पास फुटबॉल खरीदने के पैसे तक ना थे तब अख़बार और कपड़ो के लपेट कर गेंद बना कर खेलते थे।
Santos फुटबॉल क्लब के डायरेक्टर ने उन्हें क्लब अकादमी से ट्रेनिंग और प्रोफेशनल फुटबॉल खेलने का ऑफर दिया, जिसे पेले और उसके परिवार ने स्वीकार किया और पेले ने कड़ी ट्रेनिंग की। Santos के डायरेक्टर ने उन फुटबॉल के सबसे महान खिलाड़ी बन ने की भविष्यवाणी पहले की कर दी थी।
ब्राज़ील ने जीता पहला विश्व कप
वर्ष 1958 : 17 वर्षीय पेले ब्राज़ील की विश्व कप टीम में चुने जा चुके थे, उन्होंने पुरे टूर्नामेंट में 6 गोल दागे। सेमीफइनल में फ्रांस के खिलाफ हैट्रिक 3 गोल किये एवं फाइनल मैच में मेजबान स्वीडन के खिलाफ 2 गोल किये। ब्राज़ील फाइनल मैच स्वीडन 5-2 से जीत चूका था। पहला विश्व कप ब्राज़ील को 1958 में मिला। 17 वर्ष के पेले पुरे विश्व में छा चुके थे, उनके खेल के कई लोग कायल और दीवाने हो चले थे।
बड़े बड़े क्लब बार्सिलोना, रियल मेड्रिड आदि सबने पेले को मुहमांगे दाम में खरीदने की कोशिश भी, पर ब्राज़ील की सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया। फलस्वरूप वे SANTOS फुटबॉल क्लब में ही स्ट्राइकर के तौर पर खेलना जारी रखे।
ब्राज़ील ने जीता दूसरा विश्व कप – चिली
वर्ष 1962 : पेले फिर से ब्राज़ील की टीम में चुने गए थे। वे शुरू के 2 मैच में खेले फिर चोट लगने के कारण पुरे टूर्नामेंट में एक भी मैच खेल ना पाए, पर ब्राज़ील ने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और लगातार दूसरा विश्व कप अपने नाम किया।
वर्ष 1966 का विश्व कप इंग्लैंड ने जीता था, ब्राज़ील की पूरी टीम ने निराशाजनक प्रदर्शन किया और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था।
ब्राज़ील ने जीता तीसरा विश्व कप – मेक्सिको
वर्ष 1970. ब्राज़ील की टीम मेक्सिको में हुए विश्व कप को तीसरी बार जीतने में सफल हुई। पेले ने चार गोल दागे थे। फाइनल इटली के खिलाफ हुआ था जो ब्राज़ील ने 4-1 से जीता था। पेले ने गेम के 4th मिनट में गोल करके रोमांच ला दिया था।
फुटबॉल खेल के ब्रांड अम्बैसडर
पेले के रिटायरमेंट के बाद फीफा ने आधिकारिक तौर पे पेले को “ब्लैक पर्ल” की उपाधि देते हुए, उन्हें फुटबॉल का ब्रांड अम्बैसडर भी नियुक्त किया। वे अफ्रीकी देशो में गरीब बच्चो को फुटबॉल सिखाते एवं खेल का प्रचार प्रसार करते थे। ब्राज़ील ने तो राष्ट्रीय धरोहर पहले हो घोषित कर रखा था। पेले एक युथ आइकॉन थे वे सबको नशे से दूर रहने और नियमित फुटबॉल खेलते रहने की सलाह देते थे।
देखे पेले के सर्वश्रेठ गोल एवं हाइलाइट्स
Author Profile
- बिशेष दुदानी रायपुर में निवास करते है, इन्होने ने Btech IT की डिग्री की है, वेब डेवलपमेंट और पत्रकारिकता में रूचि है। दैनिक इस्पात टाइम्स रायपुर एवं रायगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार है और गोंडवाना एक्सप्रेस में सह-संपादक/प्रबंधक की भुमिका निभा रहे है।
Latest entries
- India30/12/2022व्यक्ति विशेष : पेले (Pele) – ब्राज़ील के फुटबॉल खिलाड़ी का निधन, फूटबाल के जादूगर, सर्वश्रेष्ठ, सबसे महान खिलाडी
- Chhattisgarh17/12/2022वंदे भारत बिलासपुर-नागपुर एक्सप्रेस : ये ट्रैन सुविधा नहीं छत्तीसगढ़ को पकड़या हुआ जबरदस्ती का झुनझुना है : विशेष कवरेज
- Chhattisgarh24/11/2022इस्पात टाइम्स रायपुर के 16वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिव्यांग एवं निर्धनों में कम्बल वितरण का आयोजन किया गया
- Chhattisgarh16/11/2022मुख्यमंत्री भूपेश बघेल : मीडिया के साथियों के हर सुख-दुख में हम उनके साथ खड़े हैं, 53 मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों को 1.15 करोड़ रूपए की सहायता राशि जारी