मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राजधानी स्थित गोल बाजार एक ऐतिहासिक धरोहर ही नहीं अपितु पूरे रायपुर शहर की महत्वपूर्ण पहचान है। शासन की मंशा है कि इस अमूल्य धरोहर को सहेज कर रखा जाए और इसके मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए सर्वसुविधाओं के साथ नए रूप में विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज शाम 75वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पैदल चलकर गोल बाजार रायपुर पहुंचे और यहां के चौक में व्यापारियों से चर्चा करते हुए उक्त आशय के विचार व्यक्त किए। इस दौरान व्यापारियों के हित में लिए गए अभूतपूर्व फैसले के फलस्वरूप गोल बाजार व्यापारी महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री श्री बघेल का अभिनंदन कर आभार जताया गया। इस मौके पर गोल बाजार के व्यापारियों में अभूतपूर्व उत्साह देखा गया।
कार्यक्रम में नगर पालिक निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग डॉ. किरणमयी नायक, सभापति नगरपालिक निगम श्री प्रमोद दुबे सहित गोल बाजार व्यापारी संघ के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि व्यापारियों के हित को ध्यान में रखते हुए गोल बाजार को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित करने के लिए शासन द्वारा अहम निर्णय लिया गया है। इसके तहत गोल बाजार में व्यवसायरत व्यापारियों को उनकी जमीन तथा उनकी दुकान का मालिकाना हक दिए जाने के संबंध में आवश्यक प्रावधान रखा गया। शासन द्वारा ये जमीन नगरपालिक निगम के नाम कर दी गई है और कलेक्टर रायपुर को संपत्ति अंतरण नियम के तहत शक्तियां प्रत्यायोजित कर दी गई है। जिनकी देखरेख में आगे की कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि शासन प्रशासन की यह एक महत्वपूर्ण अभिनव पहल है। ऐसा कभी सुना नहीं गया और न ही कभी देखा कि किसी बाजार की भूमि को शासन ने उस बाजार को चलाने वाले व्यापारियों को सौंपने का निर्णय लिया हो। उन्हें उनकी दुकान, जमीन का मालिक बनाने का निर्णय लिया हो। मुझे यह जानकार आश्चर्य हुआ कि लोगों ने वर्षों से बल्कि कई तो ऐसे भी है जिन्होंने पीढ़ियों से यहां व्यवसाय किया है। वो केवल लायसेंसी हक से इस जमीन पे काबिज है, याने कि वें केवल निगम के किराएदार है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने गोल बाजार में व्यवसायरत व्यापारियों को उनकी जमीन, उनकी दुकान का मालिकाना हक देने का अहम निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यह भी माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति रायपुर आया और उसने गोल बाजार नहीं देखा तो क्या देखा।‘
गौरतलब है कि गोल बाजार का उन्नयन सन् 1909 में किया गया था, यह बाजार लगभग सवा सौ साल पुराना है। गोल बाजार करीब साढ़े तीन एकड़ में फैला है। बाजार के बारे में एक पुरानी कहावत ‘‘जो न मिले कहीं वो सब मिले यहीं‘‘ है। यह भी कहा जाता हैं कि इस बाजार में एक व्यक्ति की जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक का सारा सामान उपलब्ध है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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