
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों, पंचायतों तथा वन समितियों की आय बढ़ाने के लिए शुरू की जा रही मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का औपचारिक शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से निश्चित ही गांवों और जंगलों की तस्वीर बदलेगी। इससे किसानों को आय का एक नया जरिया मिलेगा। उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हमारे गांवों में फिर से हरियाली दिखेगी। श्री बघेल ने कहा कि पूर्व में वृक्षों की कटाई के लिए बनाए नियमों के कारण जो व्यावहारिक कठिनाई आती थी, इस योजना में उन सभी के निराकरण की ओर भी ध्यान दिया गया है और इस योजना में निजी भूमि में लगाए गए वृक्षों की कटाई के लिए किसानों को भविष्य में अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आज यहां आयोजित कार्यक्रम में दुर्ग जिले के ग्राम फुंडा में 20 एकड़ क्षेत्र में बनाए जा रहे जैव विविधता उद्यान का भूमिपूजन भी किया। इसी प्रकार उन्होंने बिलासपुर में अरपा नदी के तट पर स्थित ग्राम सेंदरी, बस्तर जिले के ग्राम कोहकीमारी, डिलमिली, करपावण्ड, बलरामपुर जिले के ग्राम भेलईखुर्द, कांकेर जिले के कुलगांव, महासमुन्द जिले के मुंगईमाता, कवर्धा जिले के लोहझरी में वृक्षारोपण कार्य का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम मंे उपस्थित सांसद-विधायकों, संसदीय सचिव, वन प्रबंधन समिति के सदस्य और स्व सहायता समूहों के सदस्य और पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा की और योजना के क्रियान्वयन के लिए जन सहभागिता बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के साथ भी जोड़ा गया है। जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अपने खेतों में लगाए गए वृक्षों की कटाई के लिए किसानों को भविष्य में किसी भी विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। योजना के तहत वन विभाग द्वारा इस साल 99 लाख से अधिक पौधे रोपने की तैयारी की गई है, साथ ही 2 करोड़ 27 लाख पौधों का वितरण भी किया जाएगा। इस बार के अभियान में जनभागीदारी होने के कारण सफलता की गारंटी भी अधिक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाता है, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, इससे पंचायतों की आय में वृद्धि होगी। इसी प्रकार संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृक्षों को काटने व विक्रय का अधिकार संबंधित समिति का होगा।
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- प्रियंका (Media Desk)
- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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