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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सहृदयता, जेल में बंद पिता को बेटी की तेरहवीं में शामिल होने की दी छूट

18/10/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Bilaspur, Chhattisgarh    

उम्र कैद की सजा काट रहे एक पिता को बेटी के मृतक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति जेल प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही थी। परेशान पिता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बेटी की तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल होने की गुहार लगाई थी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सहृदयता दिखाई हुए पिता को बेटी की तेरहवीं में शामिल होने की अनुमति दी है। याचिकाकर्ता बंदी को बुधवार को पुलिस अभिरक्षा में रायपुर सेंट्रल जेल से बिलाईगढ़ ले जाया जाएगा।

कलेक्टर रायपुर के समक्ष आवेदन पेश करने के साथ ही रायपुर सेंट्रल जेल प्रबंधन के समक्ष भी बेटी की मृत्यु की जानकारी देते हुए पैरोल पर रिहाई की मांग की थी। जिला प्रशासन और जेल प्रबंधन से किसी तरह कार्रवाई न होने पर बंदी ने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बुधवार 18 अक्टूबर को बेटी की तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल होने की गुहार लगाई थी।

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करती हुई उनकी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बेटी की मृत्यु हो गई है और बुधवार 18 अक्टूबर को तेरहवीं है। बेटी की तेरहवीं के कार्यक्रम बिलाईगढ़ में है। चीफ जस्टिस ने अधिवक्ता से पूछा कि रायपुर से बिलाईगढ़ की दूरी कितनी है। अधिवक्ता ने बताया कि तकरीबन 150 किलोमीटर।

चीफ जस्टिस सिन्हा ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता बंदी को पुलिस अभिरक्षा में सेंट्रल जेल से बेटी के गांव बिलाईगढ़ लेकर जाएं व मृतक कार्यक्रम में शामिल कराएं। दूसरे दिन गुरुवार को उसे लेकर आए सेंट्रल जेल में नियमानुसार वापस भेजने की कार्रवाई करें।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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