‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ एक राज्य स्तरीय ब्रांड है और यह अब राष्ट्रीय स्तर का ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की दिनों-दिन बढ़ती मांग की वजह से पिछले तीन वर्षों में इसकी बिक्री 01 करोड़ रूपए से बढ़कर 7 करोड़ रूपए हो गई है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 26 से 30 अप्रैल तक आयोजित इंटरनेशनल फूड एण्ड हॉस्पिटेलिटी फेयर ‘आहार एक्सपो 2022’ में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल लगाए गए थे। यह स्टॉल अपने उत्पादों की गुणवत्ता और बेहतर स्वाद के फलस्वरूप लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद राज्य के आदिवासी-वनवासियों द्वारा संग्रहित तथा प्रसंस्कृत लघु वनोपजों से बनाए जाते हैं और वर्तमान में यह 17 हजार से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष आजिविका प्रदान कर रहा है। इसके अंतर्गत 120 से अधिक उत्पाद महिला स्वयं सहायता समूहों के स्वामित्व और संचालित छोटी इकाईयों में बनाए जाते हैं। इनमें हर्बल से लेकर फूड और पर्सनल केयर तक के उत्पादों के रेंज ग्राहकों की पहली पसंद बनती जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में प्रदेश में वनवासियों को लघु वनोपजों के संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण और मार्केटिंग के जरिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने में अच्छी सफलता मिल रही है। इसके तहत छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नेम से बेचे जाने वाले उत्पादों के व्यापार में हर साल दिन दूनी-रात चौगुनी वृद्धि दर्ज की जा रही है।
राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला ने बताया कि नई दिल्ली में लगाए गए आहार एक्सपो मेला में छत्तीसगढ़ के वनोत्पाद से बने छत्तीसगढ़ हर्बल्स चर्चा में बने रहे। यहां के वनों से निर्मित नैसर्गिक उत्पाद न केवल आम लोगों को बल्कि ओलंपियन बॉक्सर श्री वीजेन्दर सिंह को भी लुभाने में कामयाब रहे। इन्हें छत्तीसगढ़ के वनांचल के उत्पादनों की महक स्टॉल तक खींच लाई। श्री वीजेन्दर सिंह ने स्टॉल में पहुंचकर आदिवासी महिलाओं से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ हर्बल्स की खूब सराहना की।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड में भृंगराज तेल, नीम तेल, हर्बल साबुन, च्यवनप्राश, शुद्ध शहद, सेनेटाइजर, हर्बल हवन सामग्री, बीज तेल, आंवला जूस, बेल शर्बत, जामुन जूस, महुआ आर.टी.एस., महुआ स्क्वैश, हर्बल कॉफ़ी, आंवला लच्छा, अचार, पाचक, कैंडी, बेल मुरब्बा, चाय उपलब्ध हैं। जबकि महुआ के लड्डू, जैम, कुकीज़, अचार, चिक्की, चंक्स और इमली के ब्रिक्स, कैंडी, कौंचपाक, इमली सॉस एवं जामुन चिप्स, मसाला गुड़ पाउडर एवं आयुर्वेद चूर्ण के विभिन्न उत्पादों का भी विक्रय किया जा रहा है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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