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चंद्रयान -3 से छत्तीसगढ़ का चरौदा और भरत कुमार का छत्तीसगढ़ कनेक्शन

24/08/2023 posted by Dipak Sahu Chhattisgarh, India    

चंद्रयान 3 का लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) वाला एलएम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरा। चाँद में इस जगह उतरनेवाला भारत पहला देश बना। यह भारतीय प्रतिभा का एक अनुपम उदाहरण है जो ISRO के माध्यम से साकार हो रहा है।

ISRO की स्थापना 1962 में भारत मे स्पेस साइंस के पुरोधा विक्रम साराभाई की सलाह और सहयोग से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी। ISRO ने काम 1969 से करना शुरू किया था और 1975 में अपना पहला उपग्रह प्राचीन गणितज्ञ आर्यभट के नाम पर रखा और अंतरिक्ष मे भेजा। तब से बीते 54 सालों में ISRO ने भारत सहित 34 देशों के 417 सेटेलाइट, 116 स्पेसक्रॉफ्ट मिशन, 86 लॉन्च मिशन, 13 स्टूडेंट मिशन और 2 री एंट्री मिशन पूरे किए हैं। यह है इस महान संस्थान का गौरवशाली इतिहास जो दुनिया के मात्र छह देशों में शामिल है।

अब जरा धरती के एक कस्बे चरौदा (छत्तीसगढ़) पहुंचते हैं। यहां एक लड़का था के. भरत कुमार। भरत के पिता बैंक में सुरक्षा गार्ड हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहते थे। इसके लिए आर्थिक समस्या आड़े आती थी सो भरत की माँ ने चरौदा में एक टपरी पर इडली चाय बेचने का काम शुरू किया। चरौदा में रेलवे का कोयला उतरता चढ़ता है। कोयले की इसी काली गर्द के बीच भरत मां के साथ यहां चाय देकर, प्लेट्स धोकर परिवार की जीविका और अपनी पढ़ाई के लिए मेहनत कर रहा था।

भरत की स्कूली पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय चरौदा में होने लगी। जब भरत नौवीं में था, फीस की दिक्कत से टीसी कटवाने की नौबत आ गयी थी पर स्कूल ने फीस माफ की और शिक्षकों ने कॉपी किताब का खर्च उठाया। भरत ने 12 वीं मेरिट के साथ पास की और उसका IIT धनबाद के लिए चयन हुआ। फिर आर्थिक समस्या आड़े आई तो रायपुर के उद्यमी अरुण बाग और जिंदल ग्रुप ने भरत का सहयोग किया। यहाँ भी भरत ने अपनी प्रखर मेधा का परिचय दिया और 98% के साथ IIT धनबाद में गोल्ड मेडल हासिल किया। जब भरत इंजीनियरिंग के 7 वें सेमेस्टर में था तब ISRO ने वहां अकेले भरत का प्लेसमेंट में चयन किया और आज भरत इस चंद्रयान 3 मिशन का हिस्सा है।

आज मात्र 23 साल का हमारा यह युवा चंद्रयान 3 की टीम के सदस्य के रूप में ‘गुदड़ी के लाल’ कहावत को सही साबित कर रहा है। चंद्रयान 3 की सफलता को आज हम सबने देखा है पर यह भी देखना है कि इस देश के 65 करोड़ युवाओं में कितने हैं जो अपने विचार और कार्यों से देश दुनिया के जुड़ाव, सकारात्मकता, निर्माण, मेहनत की दिशा में बढ़ रहे हैं। वे सब भरत कुमार की दिशा में बढ़ें, यह कामना है।