मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायगढ़ प्रवास के दूसरे दिन आज बंगुरसिया धान खरीदी केन्द्र पहुंचकर किसानों से चर्चा की और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बंगुरसिया धान खरीदी केन्द्र से संबद्ध भेलवाटिकरा, बरलिया, रेगड़ा आदि गांवों के किसानों से चर्चा कर उनका हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने किसानों से खेती-बाड़ी, धान फसल का रकबा, धान बेचने की मात्रा एवं भुगतान, बारदाना आदि की जानकारी ली। इस अवसर पर कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, विधायक लालजीत सिंह राठिया, विधायक प्रकाश नायक, विधायक चक्रधर सिंह सिदार एवं विधायक मती उत्तरी जांगड़े उपस्थित थे।
भेलवाटिकरा गांव के किसान केदार पटेल ने बताया कि वे 20 एकड़ में खेती करते है, अभी तक 200 क्विंटल धान बेचा है उन्हें 3 लाख 73 हजार रुपये का भुगतान हो चुका है। उन्होंने धान बेचकर थ्रेसर मशीन खरीदा है। केदार के भाई जय पटेल भी 20 एकड़ में खेती करते है उन्होंने 160 क्विंटल धान बेचा है और 2 लाख 98 हजार रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया है। बरलिया गांव के किसान अखंड लाल साव 25 एकड़ में खेती करते है उन्होंने भी 160 क्विंटल धान बेचकर 2 लाख 98 हजार रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया है। किसान अखंड लाल ने बताया कि वे गोधन न्याय योजना के तहत 60 क्विंटल गोबर बेचकर 12 हजार रुपये का भुगतान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री ने रेगड़ा गांव के किसान कुबेर डनसेना एवं रवि यादव से भी चर्चा की।
बंगुरसिया धान खरीदी केन्द्र में 18 गांवों के 480 किसान धान बेचने के लिये पंजीकृत है। इनमें से 270 किसानों ने इस वर्ष एक दिसम्बर से अब तक 11 हजार 132 क्विंटल धान की बिक्री कर चुके है। किसानों को एक करोड़ 73 लाख एक हजार 761 रुपये का ऑनलाईन भुगतान किया गया है। पिछले साल 2019-20 में इस केन्द्र में 18 हजार 238 क्ंिवटल धान की खरीदी की गई थी। पिछले साल की तुलना में आज की तारीख में धान खरीदी में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केन्द्र में बारदानों की कमी नहीं है।
आज की तारीख में 13 हजार 117 नग बारदानें उपलब्ध है। इस अवसर पर कलेक्टर भीम सिंह, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, सीईओ जिला पंचायत ऋचा प्रकाश चौधरी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, किसान एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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