प्रदेश के सभी आश्रम-छात्रावासों में अभियान चलाकर मरम्मत, रखरखाव और साफ-सफाई के साथ ही इन संस्थाओं के संचालन के पूर्व विद्यार्थियों के लिए सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को इन संस्थाओं में बच्चों को प्रवेश के पूर्व सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह ने सभी कलेक्टरों को भेजे पत्र में कहा है कि कोविड संकटकाल में ऐसे आश्रम-छात्रावास जहां कोविड केयर सेंटर और क्वॉरंटाईन सेंटर बनाए गए थे। उन संस्थाओं में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सेनेटाईजेशन कार्य कराए जाए। उन्होंने इन संस्थाओं के नियमित और सुचारू रूप से संचालन के लिए कलेक्टरों से जिला स्तर के अधिकारियों का निरीक्षण और रोस्टर तैयार कर जवाबदारी सौंपे जाने कहा है।
उन्होंने जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग के लिए तैयार किए गए निरीक्षण का क्रॉस चेकिंग भी कराने के भी निर्देश दिए हैं। आश्रम-छात्रावासों के संचालन के दौरान भी विद्यार्थियों और वहां कार्यरत् शिक्षक तथा अन्य कर्मचारियों से कोविड प्रोटोकॉल अनिवार्य रूप से पालन कराया जाए। उल्लेखनीय है कि आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा 3278 आश्रम-छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। इन संस्थाओं में लगभग 2 लाख छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय व्यवस्था उपलब्ध है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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