बस्तर-सरगुजा संभाग और कोरबा जिले के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्तियां पूरी नहीं हो पा रही हैं। समस्या है कि इन स्कूलों में नियुक्ति के लिए अंग्रेजी बोलने वाले स्थानीय शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। इन पदों को भरने के लिए राज्य सरकार ने भर्ती में स्थानीय होने की शर्त हटा दी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह मामला आया। तय हुआ कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भर्ती के लिए शिक्षकों के उन संभागों और जिले का ही मूल निवासी होने की शर्त हटा ली जाए। इस फैसले से सामान्य जिलों के युवाओं को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ है।
सरकार ने बस्तर और सरगुजा संभाग के सभी जिलों के अलावा बिलासपुर संभाग के कोरबा जिले की सरकारी नियुक्तियों में स्थानीय निवासी होना ही अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बंद रही स्कूली बसों के त्रैमासिक शुल्क को भी माफ कर दिया है। सरकार ने यह छूट एक जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2021 तक के लिए दी है। इससे निजी स्कूल संचालकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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