सर्व आदिवासी समाज ने 19 सितंबर को हाई कोर्ट के अनुसूचित जनजातीय वर्ग का आरक्षण 32 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत करने के आदेश पर नाराजगी जताते हुए पुनः 32 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए सोमवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
सर्व आदिवासी समाज के तहसील अध्यक्ष व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतराम छेदय्या के नेतृत्व में पूरे केसीजी जिले से आए सर्व आदिवासी समाज के लोग लगभग 12 बजे अम्बेडकर चौक में एकत्रित हुए और यहां सभा को संबोधित करते हुए सभी आदिवासी नेताओं ने हाई कोर्ट द्वारा आरक्षण कम करने के आदेश से समाज का अहित होने की बात कही।
इस स्थिति के लिए केंद्र व राज्य सरकार को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें जमकर कोसा। वहीं 32 प्रतिशत आरक्षण की मांग के साथ पेशा कानून व हसदेव जंगल के संबंध में भी आदिवासी नेताओं ने केंद्र व राज्य सरकार को जमकर घेरा। इसके बाद रैली निकाली और शहर का भ्रमण करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची।
समाज के तहसील अध्यक्ष व पदाधिकारी रहे मौजूद
एक दिवसीय धरना प्रदर्शन, रैली व कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के दौरान सर्व आदिवासी समाज तहसील अध्यक्ष संतराम छेदय्या, राजकुमार मंडावी, प्रेम छेदय्या, देव मंडावी, साल्हेवारा अध्यक्ष मन्नू मरकाम, महादेव मंडावी, बिश्राम मंडावी, अर्जुन चंद्रवंशी, रामजी सिदार, परमानन्द मंडावी, संतोषी उइके, कुंज बिहारी नेताम, परमा मंडावी, राजेश छेदय्या, प्रकाश मंडावी, लीला मंडावी, शिरधे नेताम, गौतम मंडावी, जयपाल शोरी व रघुनंदन मंडावी सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के अनुयायी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति, राज्यपाल व सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन
कलेक्टर डॉ. जगदीश सोनकर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, राज्यपाल अनुसूइया उइके व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम सौंपे ज्ञापन में आदिवासी समाज ने बताया कि 19 सितंबर को हाई कोर्ट बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने अनुसूचित जनजातीय वर्ग का आरक्षण 32 प्रतिशत से कम 20 प्रतिशत करने का आदेश दिया है। इस वजह से अनुसूचित जनजातीय वर्ग को आर्थिक, राजनीतिक व शैक्षणिक रुप से बहुत बड़ी क्षति होगी।
समाज ने कहा कि अनुसूचित जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए तमिलनाडु राज्य की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी सरकार 32 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश लाकर बिल पास करें एवं अनुसूचित जनजातीय वर्ग को जब तक पुनः 32 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं हो जाता तब तक सभी विभागों में नई भर्ती नहीं किया जाए। वहीं अगर सर्व आदिवासी समाज की इस मांग को एक माह के अंदर नहीं माना गया तो सर्व आदिवासी समाज प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन करेगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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