दिनांक : 02-May-2024 05:11 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल : राज्य के इंडस्ट्रियल एवं माईनिंग इलाकों में स्वच्छ पेयजल के लिए सरफेस वाटर सप्लाई जरूरी

01/07/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के पेयजल समस्या मूलक विकासखण्ड़ों सहित इंडस्ट्रियल और माईनिंग एरिया में लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए सरफेस वाटर सप्लाई स्कीम तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में भू-जल के दोहन से स्थिति जटिल होते जा रही है। माईनिंग एरिया में ब्लास्टिंग के कारण भू-जल में हेवी मेटल की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके सेवन से कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने लगी है। मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पेयजल में हेवी मेटल की मात्रा की जांच की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने राज्य में क्रिटिकल ब्लाक के रूप में चिन्हित बालोद जिले के गुरूर और रायपुर जिले के धरसींवा ब्लाक सहित सेमी क्रिटिकल ब्लाक के रूप में चिन्हित बेमेतरा, साजा, नवागढ, बेरला, बालोद, तखतपुर, बिल्हा, राजिम, दुर्ग, धमधा, पाटन, राजनांदगांव, डोंगरगांव, धमतरी, कुरूद, बसना, पिथौरा, मालखरोद, पण्डरिया, कवर्धा, बरमकेला और पुसौर में पेयजल की आपूर्ति के लिए सरफेस वाटर सप्लाई स्कीम तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन ब्लाकों में भू-जल भरण एवं जल संचयन के लिए नरवा उपचार कार्य प्राथमिकता से कराए जाने की जरूरत है, ताकि सतही जल से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बेहतर तरीके से की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर में खारून नदी से पेयजल की आपूर्ति होती है। खारून नदी में पर्याप्त जल उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए उन्होंने बालोद, धमतरी, दुर्ग, पाटन, अभनपुर इलाके के नालों का उपचार एवं जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल विकासखण्डों में सिंचाई के लिए भू-जल के बेतहाशा दोहन से जल स्तर नीचे जा रहा है। खारे पानी की समस्या बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए सतही जल के संचयन और सदुपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने राज्य में पेयजल की आपूर्ति अद्यतन व्यवस्था एवं जल जीवन मिशन के कार्याें के प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि वर्तमान समय में राज्य में 2,83,653 हैण्ड पम्प, 4097 नलजल योजना क्रियाशील हैं। जिसमें से 11,160 हैण्ड पम्प एवं 1178 नलजल योजनाएं बीते ढाई सालों में स्थापित की गई है। मिनीमाता अमृत धारा योजना के तहत 73,584 घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं। राज्य के ऐसे इलाके जहां भू-जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है, वहां पेयजल की आपूर्ति के लिए सतही स्त्रोत से पेयजल उपलब्ध कराने वर्तमान में समूह जल प्रदाय योजना एवं नलजल प्रदाय योजनाओं के निर्माण की कार्यवाही की जा रही है।

सचिव श्री परदेशी ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों मंे कुल 45,48,080 परिवारों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए नल कनेक्शन प्रदाय किए जाने की कार्यवाही की जा रही है, जिसमें से अब तक 5,66,614 परिवारों को नल कनेक्शन दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 3871 ग्राम में वाटर सप्लाई 151 बहुल ग्राम स्कीम के माध्यम से 8,61,135 परिवारों को नल कनेक्शन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 22,14,986 परिवरों को निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन के तहत 7279 कार्याें के लिए 3646 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति तथा 1176 कार्याें के लिए 536.75 करोड़ रूपए का कार्यादेश जारी किया गया है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत आंगनबाडि़यों, शालाओं, आश्रम शालाओं एवं स्वास्थ्य केन्द्रों मं रनिंग वाटर की व्यवस्था की जा रही है। बैठक में पेयजल परीक्षण के लिए जल प्रयोगशाला तथा पेयजल स्त्रोतों के केमिकल एवं बैक्टिरिओलॉजिकल टेस्ट के बारे में भी जानकारी दी गई।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।