मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रोका-छेका के शुभारंभ के अवसर पर दुर्ग ब्लाक के ग्राम रिसामा के जनप्रतिनिधियों तथा स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रिसामा के ग्रामीणों को बधाई देते हुए कहा कि पशुओं का रोका-छेका फसलों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने भी रिसामा की महिलाओं द्वारा गौठानों में संचालित आयमूलक गतिविधियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गौठान में ये महिलाएं लगन से कार्य कर रही हैं जिसका जमीनी असर दिख रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रिसामा को सोलर पावर प्लांट की सौगात भी दी। इससे गलियों की लाइट के साथ ही चौक भी हाईमास्ट लाइट से रौशन होंगे। इसकी लागत एक करोड़ 61 लाख रुपए होगी। रिसामा के ग्रामीणों ने इसके लिए आभार जताया। गांव की सरपंच श्रीमती गीता महानंद ने बताया कि गौठान के शुरू होने से हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। हम लोग कंपोस्ट खाद के साथ ही घरेलू उपयोग की बहुत सी वैरायटी तैयार कर रहे हैं। इसमें अगरबत्ती, फिनाइल, हैंडवाश, बड़ी-बिजौरी, गोबर के दीये आदि घरेलू उपयोग की बहुत सी सामग्री शामिल हैं। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की श्रीमती ऊर्वशी चंद्राकर ने बताया कि उनके समूह ने 35 हजार रुपए मूल्य का कंपोस्ट खाद अब तक बेच लिया है। इसमें से 40 क्विंटल खाद तो उन्होंने अपने समूह के लिये ही खरीदा है जिसमें वे अपनी बाड़ी में नैपियर घास लगा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको अपनी बनाई हुई चीज से सबसे ज्यादा लगाव होता है। जब गांव में ही जरूरत की चीजें बना लेंगी तो बाहर से सामान क्यों खरीदेंगे।
प्रज्ञा स्व-सहायता समूह की सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती योगिता चंद्राकर ने बताया कि इस बार जिमीकांदा, हल्दी और अदरक की फसल लेने की योजना है। उन्होंने कहा कि इसका रेट काफी अच्छा आता है। अब तक की सफलता शानदार रही है और अब हम लोग नये प्रयोग करना चाह रहे हैं। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव, जनपद अध्यक्ष श्री देवेंद्र देशमुख, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक एवं पंचायत पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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