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छत्तीसगढ़ में तेजी से घट रही है शिशु एवं मातृ मृत्यु दर : केन्द्र सरकार के आंकड़ों से हुई पुष्टि

17/02/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

छत्तीसगढ शासन द्वारा महिलाओं और बच्चों की सेहत में सुधार के लिए शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन से शिशु एवं मातृ मृत्युदर में तेजी से कमी आ रही है। केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में जारी किए गए ताजा आंकड़ों में यह बात स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आयी है। अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में नवजात, शिशु एवं बाल मृत्युदर में तेजी से कमी दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य में कुपोषण को दूर करने के साथ साथ स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की पहल की गई। गांव से लेकर शहरों तक की स्वास्थ्य सेवाओं में कई नवाचारी कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। कुपोषण में कमी लाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री सुपोषण योजना और मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना और मलेरिया मुक्त अभियान, दाई दीदी क्लिनिक योजना के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की गई है। इन नवाचारी कार्यों से राज्य के आंगनबाड़ी में दर्ज बच्चों के कुपोषण में कमी के साथ साथ नवजात मृत्यु दर, शिशु मृत्युदर और मातृमृत्यु दर में कमी आयी है।

प्रदेश में मातृ मृत्यु अनुपात नवीनतम एसआरएस आंकड़ो के अनुसार छत्तीसगढ़ में 159 प्रति 1 लाख जीवित जन्म हो गई है। जबकि इसी अवधि में उत्तर प्रदेश में 197, असम में 215 और मध्यप्रदेश में 173 प्रति लाख थी। इसी प्रकार नवजात मृत्युदर छत्तीसगढ़ में 32.4 प्रति हजार है जबकि उत्तर प्रदेश में 35.7 और बिहार में 34.5 है। इसी प्रकार शिशु मृत्युदर छतीसगढ़ में 44.3 प्रति हजार है, जबकि उत्तर प्रदेश में 50.4 और बिहार में 46.8 है। पांच वर्ष तक के बच्चों की बाल मृत्युदर छत्तीसगढ़ में 50.4 प्रति हजार है, जबकि उत्तर प्रदेश में 59.8 और बिहार में 56.4 है।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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