
केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में रायपुर सहित छत्तीसगढ़ में किसानों का प्रदर्शन खत्म हो गया है। दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन करीब तीन बजे तक चला। किसानों ने चक्काजाम को बघेल सरकार और ट्रेड संगठनों का समर्थन मिला। किसानों का प्रदर्शन कुछ जगहों पर एक घंटे की देरी से शुरू हुआ। इस दौरान किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने उन्होंने स्टेट और नेशनल हाईवे करीब तीन घंटे तक जाम कर दिया।
किसान संगठनों के इस बंद का रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर छोड़कर कहीं ज्यादा असर नहीं हुआ। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के रायपुर में होने के चलते कई बड़े नेता उनसे मिलने के लिए पहुंच गए। ऐसे में सेकेंड लाइन के नेताओं के हाथ में प्रदर्शन की कमान थी। बस्तर में जरूर विधायक रेख चंद जैन ने मोर्चा संभाला। वहीं जांजगीर में प्रशासन ने ही बैरिकेडिंग कर हाईवे बंद किया।
किसान संगठनों के अनुसार, प्रदेश में 25 जगहों पर चक्काजाम किया गया। इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर शेष वाहनों के आवागमन को पूरी तरह से रोका गया। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किए गए प्रदर्शन को प्रदेश की कांग्रेस सरकार सहित ट्रेड संगठनों का भी समर्थन मिला। उधर, रायपुर और दुर्ग को छोड़कर बाकी जगहों पर पुलिस की कोई खास तैयारी नहीं रही।
किसान संगठनों की ओर से रायपुर में आरंग रोड पर रसनी के पुराने टोल नाका और पुराने धमतरी रोड पर बोरियाखुर्द के पास सड़क जाम रखा। रायपुर के साथ ही जिले के आस-पास के ग्रामीण इलाकों के अलावा धमतरी, अभनपुर, धमधा जैसे हिस्सों से किसान रसनी पहुंचे। यहां बने टोल नाके पर सभी धरना दिया। अफसरों ने किसानों से रास्ता खोलने की गुजारिश की लेकिन वे नहीं माने।
बिलासपुर जिले के नेहरू चौक पर कांग्रेसी और किसान संगठन बैनर लेकर सड़क सत्याग्रह के लिए पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने पहले रैली निकाली और फिर नेहरू चौक पर पहुंच गए। यहां नारेबाजी कर उन्होंने सांकेतिक रूप से चक्का जाम किया। इसके चलते रायपुर, कोरबा, अंबिकापुर, मुंगेली से आने वाले रूट पर काफी कम असर दिखा।
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- प्रियंका (Media Desk)
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