छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 01 से 03 नवंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश की विभिन्न जनजातियों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोककलाओं की झलक लोगों को देखने को मिलेगी। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह तीसरा आयोजन है। आयोजन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों की लोककल्याणकारी योजनाओं पर आधारित विकास प्रदर्शनी के माध्यम से पिछले पौने चार वर्षों में छत्तीसगढ़ की विकास गाथा भी देखने को मिलेगी। यहां कार्यक्रम स्थल के सेंट्रल एरिया में जनजातीय लोककला और शिल्प पर केन्द्रित शिल्पग्राम बनाया जाएगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी पकवानों समेत अनेक तरह के लजीज व्यंजनों से सजा फूड जोन भी होगा। साइंस कॉलेज स्थित आयोजन स्थल पर थीम हैंगर में विभिन्न उद्योगों और सार्वजनिक उपक्रमों के स्टॉल लगाए जाएंगे। यहां व्यावसायिक स्टॉल और किताब मेला भी लगाया जाएगा और स्वास्थ्य सहायता केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा।
साइंस कॉलेज मैदान पर राज्योत्सव के दौरान विकास प्रदर्शनी में राज्य शासन के 21 विभागों के स्टॉल लगेंगे। इनमें कृषि विभाग-मछलीपालन, पशुपालन, उद्यानिकी विभाग एवं अन्य संबंधित घटक, ऊर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, जनसम्पर्क विभाग, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं विकास तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, जल संसाधन विभाग, श्रम विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग, खनिज संसाधन विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, चिप्स, वन विभाग, परिवहन विभाग के स्टॉलों में विभागीय योजनाओं का विभिन्न मॉडलों, चित्रों, आडियो-वीडियो लघु फिल्म के माध्यम से जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। लोगों को पाम्पलेट और ब्रोशर के द्वारा विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी।
साइंस कॉलेज मैदान के सेेंट्रल एरिया में बनाए जाने वाले शिल्पग्राम में 40 स्टॉल लगाए जाएंगे। जहां प्रदेश के प्रसिद्ध शिल्पकारों, कलाकारों, बुनकरों, स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित कलाकृतियों का अनूठा संग्रह देखने को मिलेगा। इनमें घरेलू उपयोग के सामान, कलात्मक सजावटी वस्तुएं, बेलमेटल, लौहशिल्प, काष्ठकला, बांसकला, माटी शिल्प से निर्मित कलाकृतियों प्रदर्शन और विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगी।
फूड जोन में 24 स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ लोग अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का भी स्वाद ले सकेंगे। व्यावसायिक स्टॉलों के लिए निर्धारित स्थान पर 40 स्टॉल लगाए जाएंगे। इसी तरह थीम हैंगर में बाल्को, बीएसपी, एसईसीएल, एनटीपीसी, एनएमडीसी सहित विभिन्न उद्योगों के स्टॉल लगाए जाएंगे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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