पिछले 6 दिनों से हिंसा की आग में सुलग रहा छत्तीसगढ़ का कवर्धा अब शांत है। करीब 117 घंटे से बंद बाजार शनिवार को 4 घंटे के लिए खुले तो रौनक लौट आई। 5 दिनों से बंद इंटरनेट सेवाएं भी शुरू हो गई हैं। इस बीच मुस्लिम समुदाय के लोग शहर के सबसे पुराने दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे और वहां भगवा तोरण और ध्वज बांधा। झंडे के ही विवाद के चलते जिले में हिंसा भड़की थी।
दरअसल, विवाद के बाद रविवार शाम 5 बजे से ही बाजार बंद थे। हालात को देखते हुए जिले में धारा-144 लगाई गई, लेकिन इसके बाद रैली, प्रदर्शन हुआ और फिर हिंसा भड़क उठी। इसके चलते जिले में कर्फ्यू लगाना पड़ा। कवर्धा सहित राजनांदगांव और बेमेतरा की भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी। इसके बाद शुक्रवार को सब पटरी पर लौटना शुरू हो गया। दोपहर में बाजार खोलने के आदेश जारी हुए और देर रात इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई।
शनिवार को सरकार के तीन मंत्री कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दंगे से जुड़े तथ्य रखे। तीनों मंत्रियों से भाजपा पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने संकेत दिए कि भड़काऊ नारेबाजी वाले जुलूस का नेतृत्व करने वाले सांसद संतोष पाण्डेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह की भी गिरफ्तारी होगी।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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