मुुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत दूरस्थ आदिवासी और पिछड़े इलाकों में बच्चों के कुपोषण मुक्ति के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। जशपुर जिले में लगभग 600 कुपोषित बच्चे कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर आ गए है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से प्रदेश में लगभग 2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं।
जिले की मनोरा, आस्ता, सन्ना, बगीचा चार परियोजनाओं के 232 आंगनबाड़ी केन्द्रों में खनिज न्यास निधि से सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को विशेष पिछड़ी जनजाति के 3500 पहाड़ी कोरवा बच्चों को अंडा वितरण की शुरूआत की गई है। साथ ही बच्चों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने प्रारंभिक शिक्षा भी दी जा रही है। बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार मिलने और समुचित देखभाल से बड़ी संख्या में बच्चे सेहतमंद हो रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र के पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका द्वारा गृह भेंट करके पालको को जागरूक किया जा रहा है। गृहभेंट के दौरान पालकों को बच्चों को पौष्टिक भोजन आहार खिलाने की समझाईश दी जा रही है। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके सकारात्मक और सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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