मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात दौरे के दूसरे दिन ग्राम पंचायत आरागाही में जनचौपाल में हजारों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणजनों से भेंट-मुलाकात कर उनसे विकास कार्याें और स्थानीय समस्याओं के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों से मिलने के लिए और उनकी बातें सुनने के लिए ही दौरे पर निकले हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों और ग्रामीणों की सरकार है। किसानों और ग्रामीणों की बेहतरी के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना जैसी अभिनव योजनाएं संचालित कर रहे है।
उन्होंने कहा कि विकास के कामों में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। विकास के कार्य निरंतर जारी रहेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आरागाही ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्रामीणों की मांग पर विकास कार्याें के लिए 20 लाख रूपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया और सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं रामानुजगंज विधायक श्री बृहस्पत सिंह, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री को आरागाही जनचौपाल में शंकरगढ़ की रहने वाली चंद्र्रकांता यादव ने बताया कि उसकी पुस्तैनी कृषि भूमि का बटांकन-सीमांकन नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही कलेक्टर बलरामपुर को चंद्रकांता यादव को भूमि के बटांकन-सीमांकन का मामला निराकृत करने के निर्देश दिए। जनचौपाल में पहुंचे 40 वर्षीय दिव्यांग श्री सत्यनारायाण कुशवाहा ने छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा गोधन न्याय योजना ने काफी प्रभावित किया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की इन योजनाओं से गांव और ग्रामीणों की तकदीर और तस्वीर तेजी से बदल रही है। गोधन और गौठान से ग्रामीण अंचल में रोजगार और स्वावलंबन के अवसर सृजित हुए हैं। श्री कुशवाहा ने बताया कि पोलियो की वजह से वह बचपन से विकलांग है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें मोटराईज्ड ट्राईसायकिल दिया गया है, जिससे उनकी आवागमन आसान हो गई है।
मुख्यमंत्री ने जनचौपाल में रामचंद्रपुर विकासखण्ड के विजय नगर की महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी तहशुन निशा के आर्थिक स्वावलंबन की सराहना की। तहशुन निशा महिला समूह से जुड़ने के बाद से अब तक 4 लाख 99 हजार रूपए की व्यक्तिगत आय अर्जित की है। उनका समूह रागी की खेती, मुर्गी एवं बटेर पालन का काम कर रहा है। तहशुन निशा सिलाई भी करती हैं।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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