दिनांक : 01-May-2024 08:00 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

इस तारीख तक करा लें राशन कार्ड की ई-केवाईसी, नहीं तो बढ़ जाएगी परेशानी

28/07/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

भारत सरकार के निर्देश पर ‘‘राशवन नेशन, वन न कार्ड योजना’’ के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के हितग्राहियों का शत-प्रतिशत ई-केवाईसी की तिथि अब बढ़ाकर 31 अगस्त तक 2023 तक कर दिया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग इस आशय का पत्र प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को जारी कर दिया है।

राशनकार्ड में हितग्राहियों के आधार की जानकारी गलत दर्ज होने और आधार की जानकारी प्रमाणीकृत नहीं होने के कारण खाद्यान्न वितरण में समस्या बनी रहती है। विभागीय डेटाबेस में जिन हितग्राहियों का आधार दर्ज है, उनके आधार की जानकारी का प्रमाणीकरण के लिए ई-केवाईसी की कार्यवाही की जा रही है।

ई-केवाईसी की कार्रवाई के लिए राशनकार्डधारी मुखिया एवं राशनकार्ड में दर्ज सभी सदस्य अपने-अपने आधार नंबर के साथ शासकीय उचित मूल्य दुकान पर पहुंचे। इसके बाद ही विक्रेता की ओर से ई-पॉस उपकरण में प्रत्येक सदस्य के आधार नंबर की अलग-अलग प्रविष्टि कर उनका फ्रिंगर प्रिंट स्कैन करवाकर ई-केवाईसी की कार्रवाई पूरी की जाएगी।

क्यों जरूरी है ई-केवाईसी

अधिकारियों ने बताया कि शत-प्रतिशत ई-केवाईसी अभियान को क्रेन्द्र शासन द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। सप्ताहिक समीक्षा भी की जा रही है। वर्तमान में  प्रदेश के सभी जिलों द्वारा 2.66 करोड़ हितग्राहियों में  1.56 करोड़ हितग्राहियों का ई-केवाईसी किया गया है, जिसमें से 31.75 लाख़ हितग्राहियों का सत्यापन हो चुका है। 1.24 करोड़ हितग्राहियों का सत्यापन की कार्रवाई जारी है। वर्तमान स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ई-केवाईसी की कार्यवाही की समय-सीमा पूर्व में 31 जुलाई थी, जिसमें 31 अगस्त 2023 तक वृद्धि की गयी है। ई-केवाईसी की कार्यवाही के दौरान निरंतर खाद्यान्न वितरण जारी रहेगा, किसी भी स्थिति में खाद्यान्न वितरण बाधित नहीं होगा ।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।