छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर में अन्नदाता ने सरकारी कर्ज वसूली का नोटिस मिलने के बाद आत्महत्या कर ली। मृतक ने नौ एकड़ खेत में धान की फसल उगाई थी। फसल खराब होने के कारण उत्पादन कम हुआ था। उसके बेटे का विवाह भी तय हो गया था। दोहरे दबाव में उसने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली।
दरअसल, यह मामला नारायणपुर के कुकड़ाझोर गांव का मामला है। यहां के एक किसान ने सरकारी कर्ज वसूली का नोटिस मिलने के बाद खेत में कीटनाशक दवाई का सेवन कर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि किसान के 9 एकड़ खेत में महज 75 बोरी धान की फसल हुई। इससे किसान काफी परेशान हो गया। बेटे की शादी की तैयारी के बीच फसल चौपट होने और कर्ज के बोझ तले किसान का सपना टूट गया।
इधर, किसान की आत्महत्या के बाद प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है, फिर वही दौर लौट आया है। किसानों की चीख़ का शोर लौट आया है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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