दिनांक : 03-May-2024 10:48 AM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रथ यात्रा पर्व में हुए शामिल, सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन के नियमों का पालन करने किया आग्रह

12/07/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रथ दूज के अवसर पर  अपने निवास कार्यालय में महाप्रभु जगन्नाथ, माता सुभद्रा एवं भगवान बलभद्र जी का मंत्रोच्चार एवं शंख ध्वनि के साथ विधिवत पूजा अर्चना कर महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करते हुए सभी को रथ-यात्रा पर्व की बधाई एवँ शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर से वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन किए और रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान जगन्नाथ ओडिशा और छत्तीसगढ़ की संस्कृति से समान रूप से जुड़े हुए हैं। रथ-दूज का यह त्यौहार ओडिशा की तरह छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा है। छत्तीसगढ़ के शहरों में आज के दिन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। उत्कल  संस्कृति और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच की यह साझेदारी अटूट है।

ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण-तीर्थ है। यहीं से वे जगन्नाथपुरी जाकर स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के मीठे बेरों को ग्रहण किया था। यहाँ वर्तमान में नर-नारायण का मंदिर स्थापित है। शिवरीनारायण में सतयुग से ही त्रिवेणी संगम रहा है, जहां महानदी, शिवनाथ और जोंक नदियों का मिलन होता है। छत्तीसगढ़ में भगवान राम के वनवास-काल से संबंधित स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए शासन ने राम-वन-गमन-परिपथ के विकास की योजना बनाई है। इस योजना में शिवरीनारायण भी शामिल है। शिवरीनारायण के विकास और सौंदर्यीकरण से ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक साझेदारी और गहरी होगी।

श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र देवभोग भी है। भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण से पुरी जाकर स्थापित हो गए, तब भी उनके भोग के लिए चावल देवभोग से ही भेजा जाता रहा। देवभोग के नाम में ही भगवान जगन्नाथ की महिमा समाई हुई है।

उन्होंने ने बताया कि बस्तर का इतिहास भी भगवान जगन्नाथ से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। सन् 1408 में बस्तर के राजा पुरुषोत्तमदेव ने पुरी जाकर भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया था। उसी की याद में वहां रथ-यात्रा का त्यौहार गोंचा-पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार की प्रसिद्धि पूरे विश्व में है। उत्तर-छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले के पोड़ी ग्राम में भी भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं। वहां भी उनकी पूजा अर्चना की बहुत पुरानी परंपरा है।

ओड़िशा की तरह छत्तीसगढ़ में भी भगवान जगन्नाथ के प्रसाद के रूप में चना और मूंग का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद से निरोगी जीवन प्राप्त होता है। जिस तरह छत्तीसगढ़ से निकलने वाली महानदी ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों को समान रूप से जीवन देती है, उसी तरह भगवान जगन्नाथ की कृपा दोनों प्रदेशों को समान रूप से मिलती रही है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यह समय, पूरे विश्व के लिए कठिन समय है। कोरोना महामारी ने हम सभी को बहुत पीड़ा दी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के समय हमने बहुत कुछ खोया है। अब भी संकट टला नहीं है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि तीसरी लहर भी आ सकती है।

भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना है कि वे हमें इस संकट से उबारें। वे इस महामारी से हम सबकी रक्षा करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि रथ-यात्रा पर्व का आनंद लेते हुए भी सभी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन के नियमों का पालन करें। नियमों का पालन करके ही आप स्वयं को, तथा अपने परिवार को सुरक्षित रख पाएंगे। जिन लोगों ने अब तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है उन्हें जल्दी से जल्दी टीका लगवा लेना चाहिए।

इस अवसर पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।

इसके साथ ही कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, गायत्री मंदिर के संचालक श्री पुरन्दर मिश्रा एवं जनप्रतिनिधिगण जगन्नाथ मंदिर गायत्री नगर रायपुर से वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे ।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।