उत्तर प्रदेश में चार किसानों और एक पत्रकार की जीप से कुचल कर की गई हत्या के दर्द पर छत्तीसगढ़ भी मरहम लगाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार इन पांच मृतकों के परिवार को 50 – 50 लाख रुपए का मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को लखनऊ हवाई अड्डे पर इसकी घोषणा की।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दोपहर बाद लखनऊ पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को स्थानीय प्रशासन ने एक बार फिर रोक लिया था। पुलिस अधिकारी राहुल गांधी और दोनों मुख्यमंत्रियों को पुलिस की गाड़ी से लखीमपुर ले जाना चाहते थे। इसकी वजह से विवाद की स्थिति बनी। राहुल गांधी ने पुलिस की गाड़ी से जाने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अगर प्रशासन हमें जाने की अनुमति दे रहा है तो हम सिर्फ अपनी गाड़ियों में जाएंगे, किसी कैद में नहीं।
उसके बाद सभी लोग हवाई अड्डे के भीतर ही धरना देकर बैठ गए। बाद में सरकार झुकी। कांग्रेस नेताओं को उनकी गाड़ी से लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी गई। इसी बीच, मुख्यमंत्री ने प्रेस से चर्चा में कहा छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है। राज्य सरकार की ओर से वह लखीमपुर में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवार को 50-50 लाख रुपए देने की घोषणा कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी ऐसी ही घोषणा की। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही सभी मृतकों को 45-45 लाख मुआवजा, परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर चुकी है।
प्रशासन से सहमति बन जाने के बाद राहुल गांधी, भूपेश बघेल और चरणजीत सिंह चन्नी आदि हवाई अड्डे से बाहर निकले हैं। हवाई अड्डे के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ भी उनके साथ हो ली है। बताया जा रहा है सभी लोग पहले सीतापुर जाएंगे। वहां से प्रियंका गांधी को लेकर लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को भी लखनऊ और फिर सीतापुर जाने की कोशिश में थे। वे दोपहर बाद लखनऊ पहुंच गए, लेकिन UP सरकार ने उन्हें हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया। भूपेश बघेल ने तीन घंटे फर्श पर बैठकर धरना दिया। वहीं से जूम के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शाम को वे लखनऊ से दिल्ली लौट गए। मुख्यमंत्री सोमवार को विशेष विमान से लखनऊ जाने वाले थे, लेकिन UP सरकार के कहने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उनके प्लेन को उतरने की अनुमति नहीं दी।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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