मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मई दिवस) के अवसर पर श्रमवीरों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर बघेल ने सभी श्रमिकों के सुखमय और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। बघेल ने कहा है कि एक मई को हर साल हम मेहनतकश श्रमिकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं। यह श्रमिकों की मेहनत और समर्पण के सम्मान का दिन है।
सीएम भूपेश बघेल 1 मई को राजधानी रायपुर में श्रमिक सम्मेलन और कांकेर में आयोजित कर्मा महोत्सव में शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल दोपहर 12 बजे राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस पर आयोजित ‘श्रमिक सम्मेलन‘ कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री इसके पश्चात् दोपहर 2.10 बजे रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड हेलीपेड से हेलीकॉप्टर द्वारा कांकेर के लिए रवाना होंगे और वहां 2.55 बजे मेला भाठा मैदान में साहू समाज द्वारा आयोजित जिला स्तरीय कर्मा महोत्सव एवं लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शाम 5.05 बजे पुलिस परेड ग्राउण्ड रायपुर लौट आएंगे।
श्रमिकों की मेहनत और समर्पण के प्रति सम्मान का दिन है मई दिवस
मुख्यमंत्री ने कामगारों की सामाजिक-आर्थिक खुशहाली के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए कहा है कि श्रमिक हमारे समाज का अभिन्न अंग और विकास की आधारशिला हैं। छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के विकास का हरसंभव प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मण्डल द्वारा शैक्षणिक सहायता योजना, श्रमिक दुर्घटना मृत्यु सहायता योजना, निःशुल्क सायकल वितरण योजना, निःशुल्क सिलाई मशीन योजना और सिलाई मशीन प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना जैसी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी सुखद उज्ज्वल भविष्य मिल सके।
सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पारम्परिक रूप से मेहनतकशों के दैनिक भोजन का हिस्सा बोरे-बासी रहा है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। गर्मीं के दिनों में शरीर को ठंडा रखने के साथ पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए भी यह रामबाण है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में पिछले साल से बोरे-बासी खाकर अपने पारंपरिक भोजन, संस्कृति और श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने की शुरूआत की गई है। श्री बघेल ने कहा है कि हमारी संस्कृति और परम्पराओं में स्वस्थ जीवन के कई सूत्र और रहस्य छुपे होते हैं, जिसे हमें जानने, पहचानने और अपनाने की जरूरत है। हमें हमारी युवा पीढ़ी को भी अपने आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का अहसास कराना बहुत जरूरी है। श्री बघेल ने अपील की है कि सभी एक मई को मजदूर दिवस के दिन आमा के अथान और गोंदली के साथ हर घर में बोरे-बासी खाएं और अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करें।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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