छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भारी बरसात से आई बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। रायपुर जिले में 144 मकान ढह गए हैं। सबसे अधिक नुकसान गोबरा-नवापारा में हुआ है। वहां की कई बस्तियों को खाली करा लिया गया है। वहीं, अभनपुर के पास महानदी की बाढ़ में फंसे आठ ग्रामीणों को SDRF की टीम बचाकर लाई है।
अभनपुर के लखना कोलियारी गांव के बीच महानदी में बाढ़ आने से टापू की स्थिति बन गई थी। खेतों में काम करने गए आठ ग्रामीण उस टापू पर फंस गए। इनमें चंपारण गांव के प्रेमबती, दुर्गा, टिकेश्वरी, उमेश, हलधर, मंशाराम, सालिक, टिकेश्वर और लखना के मनराखन शामिल थे। रात में ग्रामीणों ने प्रशासन को मजदूरों के बाढ़ में फंस जाने की जानकारी दी।
उसके बाद SDRF के बचाव दल को वहां भेजा गया। कोलियारी का एक ग्रामीण पोखराज बचाव दल को उस जगह ले गया जहां मजदूर फंसे हुए थे। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद सभी मजदूरों को नाव से बाहर निकाल लिया गया। रायपुर जिला प्रशासन ने बताया कि 13 सितंबर को हुई भारी बारिश के कारण जिले में 144 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। एक व्यक्ति और एक मवेशी की जान भी गई है। रायपुर तहसील में 28, आंरग में 18, अभनपुर में 27, गोबरा-नवापारा में 67 और खरोरा में 4 मकानों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी आई है।
गोबरा-नवापारा के वार पारा के बाढ़ प्रभावित 80 परिवारों को सोमवारी बाजार में निर्मित शेड में पहुंचाया गया है। वार्ड-16 के बाढ़ प्रभावित परिवारों को सोमवारी बाजार के प्राइमरी स्कूल और नवापारा की कृषि उपज मंडी में पहुंचा दिया गया है। जो परिवार अपने रिश्तेदार के यहां रुकना चाहते थे उनके सामान को संबंधित रिश्तेदारों के यहां छोड़ा गया।
वहां वार्ड-17 के लोगों को भी हटाए जाने की संभावना को देखते हुए संगवारी भवन को आरक्षित किया गया है। आज कम बरसात से बाढ़ का पानी उतरा है। अभनपुर के एसडीएम निर्भय साहू ने बताया, नदी का जलस्तर कम होने के बाद जिन घरों मे पानी घुसा था आज वहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। जलभराव से उबरी गलियों को भी आटो टिप्पर के माध्यम सेनेटाइज कराया जा रहा है।
पिछले 24 घंटे में रायपुर तहसील में 31.5 मिलीमीटर बरसात दर्ज हुई है। वहीं आरंग में 21.4 मिमी, अभनपुर में 21 मिमी, गोबरा-नवापारा में 7.1 मिमी, तिल्दा में 18.3 मिमी और खरोरा में 16 मिमी वर्षा हुई है। रायपुर में पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर भारी बरसात हो रही है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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