छत्तीसगढ़ में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर अब ढलान पर है। राज्य में संक्रमण की दर में कमी आयी है साथ ही कोविड से मृत्यु की संख्या भी कम हुई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और निर्देशन पर राज्य के अस्पतालों में आक्सीजन और बिस्तरों की उपलब्धता भी बढ़ी है साथ ही प्रदेश में अब हर वर्ग का टीकाकरण भी तेजी से जारी है।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में प्रदेश में पाॅजिटिव प्रकरणों में कमी देखी जा सकती हैै। जहां 24 अप्रैल को राज्य में करीब 17 हजार धनात्मक प्रकरण थेे वहीं 26 अप्रैल को 15 हजार 84 तथा 29 अप्रैल को 15 हजार 804, 4 मई को 15 हजार 785 वो अब धीरे-धीरे घटकर 8 मई को 12 हजार 239, 9 मई को 9 हजार 120 तथा 10 मई को 11 हजार 867 रही।
प्रदेश में कोविड-19 दैनिक धनात्मकता दर में भी काफी कमी आयी है। 23 अप्रैल को जहां यह 31.4 थी वह क्रमशः घटते हुए 26 अप्रैल को 27.8, 30 अप्रैल को 25.2, 3 मई को 26.1, 6 मई को 22.6, 8 मई को 19.8, 9 मई को 18.7 और 10 मई को 18.3 पहुंच गई है।
कोविड-19 के तहत होने वाली दैनिक मृत्यु की संख्या में भी कमी देखी जा सकती है। 5 मई को जहां 253 मृत्यु दर्ज हुई थी वह 7 मई को 208, 9 मई को 198 और 10 मई को 172 दर्ज हुई है।
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल एवं कोविड केयर सेंटर में 31 हजार 295 बिस्तरों की व्यवस्था: वर्तमान में 11,719 सामान्य, 6,284 आक्सीजन बेड, 684 एचडीयू, 783 आईसीयू और 297 वेंटिलेटर बेड है रिक्त
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ में वर्तमान में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल एवं कोविड केयर संेटरों में कुल 31 हजार 295 बिस्तरों की व्यवस्था है। जिसमें 2 हजार 953 आई.सी.यू., एक हजार 570 एच.डी.यू. बिस्तर तथा 9 हजार 954 ऑक्सीजनयुक्त बेड शामिल है। वर्तमान में खाली बेडों की बात की जाए तो 11 हजार 719 सामान्य बेड, 6 हजार 284 आक्सीजन बेड, 684 एचडीयू, 783 आईसीयू और 297 वेंटिलेटर खाली है।
कोविड केयर सेंटरों की बात करें तो यहां कुल 5 हजार 294 कुल बेड है जिसमें 554 आई.सी.यू., 515 एच.डी.यू. और 2 हजार 516 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर है। इसी तरह कोविड केयर सेंटरों में कुल 16 हजार 405 बिस्तर है जिसमें 3 हजार 43 ऑक्सीजनयुक्त है। प्रदेश के निजी कोविड अस्पतालों की बात करें तो यहां कुल 9 हजार 596 बेड है जिसमें 2 हजार 399 आई.सी.यू., एक हजार 55 एच.डी.यू. और 4 हजार 395 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर है।
कोविड-19 महामारी के उपचार के लिए राज्य में वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता है। इसमें यदि एजिथ्रोमाईसिन टेबलेट की बात करें तो जिलों में 4 लाख 45 हजार 271 और सीजीएमएससी में 52 हजार 800 टेबलेट उपलब्ध है। इसी तरह हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन जिलों में 13 लाख 83 हजार 280 तथा सीजीएमएससी में 4 लाख 10 हजार 880, आईवरमेक्टीन जिलों में 11 लाख 19 हजार 278, सीजीएमएससी में 90 हजार 100, विटामिन सी जिलों में 12 लाख 57 हजार 554, सीजीएमएससी में 3 हजार 200, जिंक जिलों में 24 लाख 9 हजार 21, सीजीएमएससी में 64 लाख 71 हजार, इंजेक्शन रेमडीसिविर जिलों में 9 हजार 816 तथा सीजीएमएससी में 7 हजार 374, इंजेक्शन इनोक्सापेरिन जिलों में 7 हजार 389 तथा सीजीएमएससी में 10, फेविपीरावीर जिलों में 14 हजार 107 तथा इंजेक्शन डेक्सामीथासोन जिलों में 51 हजार 543 तथा सीजीएसएससी में 93 उपलब्ध है।
राज्य में कोविड-19 मरीजों के उपचार हेतु वर्तमान आवश्यता से राज्य में तीन गुना अधिक ऑक्सीजन की उपलब्धता है। वर्तमान में 161.56 मेट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की आवश्यकता है जिसके विरूद्ध राज्य में 460 मेट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है।
हर वर्ग का तेजी से हो रहा टीकाकरण
18 से 44 आयु वर्ग के 1.93 लाख लोगों का हुआ टीकाकरण
कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए प्रदेश में हर वर्ग का टीकाकरण का कार्य तेजी से जारी है। 18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकरण के तहत 9 मई तक एक लाख 93 हजार 894 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इसमें 36 प्रतिशत एपीएल, 31 प्रतिशत बीपीएल, 29 प्रतिशत अंत्योदय और 4 प्रतिशत अग्रिम पंक्ति के लोग शामिल है।
इसी तरह राज्य में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रथम डोज में 89 प्रतिशत और द्वितीय डोज में 63 प्रतिशत तथा अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता को प्रथम डोज में 100 प्रतिशत तथा द्वितीय डोज में 61 प्रतिशत कव्हरेज हो चुका है। 45 वर्ष से अधिक नागरिकों के टीकाकरण में 43 लाख 32 हजार लोगों को प्रथम डोज तथा 4 लाख 99 हजार लोगों को द्वितीय डोज लगाया जा चुका है। राज्य में अब तक 59 लाख 36 हजार टीकाकरण किया जा चुका है।
वैक्सीन की उपलब्धता
भारत सरकार द्वारा एचसीडब्ल्यु, एफएलडब्ल्यु और 45 से अधिक लाभार्थियों के लिए 64 लाख 17 हजार 910 वैक्सीन उपलब्ध करायी गई है। जिसमें कोवैक्सीन 2 लाख 72 हजार 540 तथा कोविशील्ड 61 लाख 45 हजार 370 है। इसमें 60 लाख 2 हजार 310 वेक्सीन का उपयोग कर लिया गया है ।
फ्रंटलाईन वर्कर
राज्य में जिन लोगों को फ्रंटलाईन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है उनमें सूची में शामिल कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले और सब्जी विक्रेता, बस एवं ट्रक क ड्राईवर एवं कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता, इंस्टिट्यूशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार एवं पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी और राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी, वृद्धाश्रम, महिला देखभाल केन्द्रों एवं बाल देखभाल केन्द्रांे में कार्यरत व्यक्ति, शमशान-कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति, वकील एवं पत्रकार, उपरोक्त क इमिडियेट परिवार के सदस्य, बंदी तथा राज्य शासन द्वारा परिभाषित किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति शामिल है।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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