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‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ के स्टॉल को अन्तर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में मिला प्रथम स्थान

26/12/2021 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ के स्टॉल को 8वें अन्तर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में प्रथम स्थान हासिल हुआ है। यह मेला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में 22 से 26 दिसंबर तक आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देश के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ का स्टॉल लगाया गया था। मेला में ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ के स्टॉल का विशेष आकर्षण रहा। यही वजह है कि अन्तर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पादों के स्टॉल को प्रथम स्थान प्राप्त होने के साथ ही राज्य को एक और विशेष उपलब्धि हासिल हुई है।

अन्तर्राष्ट्रीय हर्बल मेला में छत्तीसगढ़ राज्य के अपने ब्रांड ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की। मेला में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 120 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। ये उत्पाद राज्य के नैसर्गिक वनों पर उत्पन्न होने वाले ऐसे लघु वनोपजों से किया जाता है, जो जैविक-प्रमाणित होते हैं। इनका लोगों के बीच विशेष आकर्षण रहा।

इस दौरान मध्यप्रदेश के वन मंत्री ने भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल का अवलोकन कर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के कार्यों और इनके उत्पादों की सराहना की। मेला में 23 दिसंबर को आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में राज्य के कच्चे लघु वनोपज के थोक विक्रय हेतु लगभग एक करोड़ रूपए की राशि की अनुबंध किए गए, जिसमें हर्रा कचरिया, बहेड़ा कचरिया, साबुत हर्रा, साबुत बहेड़ा तथा कालमेघ जैसी वनोपज सम्मिलित है। इस दौरान अन्य बड़े व्यावसायियों द्वारा उन्हें दिखाए गए विभिन्न कच्चे वनोपजों के नमूने के प्रति गहरी रूचि प्रदर्शित करते हुए आगे अनुबंध करने की इच्छा प्रदर्शित की गई।

मेला में छत्तीसगढ़ हर्बल्स विक्रय श्रृंखला के मध्यप्रदेश राज्य में विस्तार करने के प्रयासों में भी अच्छी सफलता प्राप्त हो रही है तथा निकट भविष्य में ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ के उत्पादों का विक्रय मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में होने की संभावना बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों के निर्माण में लगने वाले लघु वनोपजों का संग्रहण राज्य के वनों तथा उसके आसपास रहने वाले आदिवासी एवं अन्य ग्रामीण समुदायों द्वारा किया जाता है।

इन संग्राहकों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। वनों से संग्रहित इन वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण के उपरांत उसे वन-धन केन्द्रों में लाया जाता है, जहां उनका प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन कर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद निर्मित किए जाते है। इन उत्पादों के विक्रय ‘‘संजीवनी विक्रय केन्द्र’’ के माध्यम से तथा अमेजान, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म से किया जाता है। छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के इस कार्य में 7000 से अधिक महिला स्वसहायता समूह कार्यरत है, जिनमें से अधिकांश अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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