दिनांक : 06-May-2024 10:45 PM
Follow us : Youtube | Facebook | Twitter
Shadow

रायपुर : राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन 1 से 3 दिसंबर तक

30/11/2022 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh    

छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन पं. रविशंकर शुल्क विश्वविद्यालय रायपुर के जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में एक से तीन दिसबर 2022 तक किया जाएगा। इस राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से चयनित बाल वैज्ञानिक भाग लेंगे। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार के मार्गदर्शन में होने वाला यह आयोजन ऑफलाईन एवं ऑनलाईन दोनों माध्यम से होगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया है।

चनियत बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में लेंगे भाग

कार्यक्रम में बाल वैज्ञानिकों द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चयनित मुख्य विषय Understanding Ecosystem for Health and Well-Being (पारिस्थितिक तंत्र, स्वास्थ्य और कल्याण) तथा इनके  पांच उप विषय  अपने परिस्थितिकी तंत्र को जाने, स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना, पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और    सांस्कृतिक प्रथाएं, आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण तथा पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार पर शोध परियोजना प्रस्तुत किया जाएगा।

विषय विशेषज्ञों द्वारा    इसमें से उत्कृष्ट शोध परियोजनाओं का चयन किया जाएगा। इसमें चयनित बाल वैज्ञानिक साइंस सिटी अहमदाबाद गुजरात में होने वाली राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेंगे। इस राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भारत के विभिन्न राज्यों के बाल वैज्ञानिक भी शामिल होंगे।

Author Profile

Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।